पाकिस्तान का निकल गया दिवालिया, अब अपनी 'पहचान' को भी रखना पड़ रहा गिरवी
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पाकिस्तान का निकल गया दिवालिया, अब अपनी 'पहचान' को भी रखना पड़ रहा गिरवी

पाकिस्तान का दिवालिया निकल चुका है. हालत ये है कि पाकिस्तान को पुराना कर्ज चुकाने के लिए अपनी पहचान को गिरवी रख चीन से नया कर्ज लेना पड़ रहा है. वहीं विशेषज्ञों को चिंता है कि पाकिस्तान ब्रिटिश शासन की तरह एक बार फिर से चीन का गुलाम न बन जाए

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का फाइल फोटो।

इस्‍लामाबाद: कंगाल पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) कर्ज के मकड़जाल में फंस चुके हैं. आलम ये है कि इमरान को अपने देश के संस्‍थापक मोहम्‍मद अली जिन्‍ना (Muhammad Ali Jinnah) की पहचान को भी गिरवी रखना पड़ रहा है. पाकिस्तान की यह कंगाली ट्विटर पर #PakBecomingChineseColony के नाम से ट्रेंड करने लगी है. लोग कमेंट्स के जरिए पाकिस्तान को चीन की कालोनी बता रहे हैं.

कर्ज को चुकाने के लिए नया कर्ज

रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान ने चीन (China), संयुक्त अरब अमीरात और मलेशिया समेत तमाम देशों से कर्ज लिया हुआ है. लेकिन अब कर्जदार भी अपना पैसा वापस मांगने लगे हैं. लेकिन पाकिस्तान के पास पैसा नहीं है. इसलिए कंगाल पाकिस्तान की इमरान सरकार राजधानी इस्लामाबाद के सबसे बड़े पार्क को चीन के पास गिरवी रखकर 500 अरब रुपये का नया कर्ज लेने जा रही है. इससे पुराना कर्ज चुकाया जाएगा. इस पार्क को गिरवी रखने का यह प्रस्ताव 26 जनवरी को होने वाली कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा. 

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जिन्ना की बहन के नाम पर है 'पार्क'

बताते चलें कि F-9 पार्क की पहचान पाकिस्तान के संस्थापक  मोहम्मद अली जिन्ना की बहन 'मादर-ए-मिल्लत' (मदर ऑफ नेशन) फातिमा जिन्ना के नाम से है. यह पार्क 759 एकड़ में फैला है. और यह पाकिस्तान में सबसे बड़े हरे-भरे इलाके में से एक है. 'फातिमा जिन्ना पार्क' गिरवी रखने से पाकिस्तान को भले ही चीन से 500 अरब रुपये का लोन मिलेगा. लेकिन विशेषज्ञों को चिंता है कि पाकिस्‍तान ब्रिटिश शासन की तरह एक बार फिर से चीन का गुलाम न बन जाए.

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पिछली सरकार पर फोड़ा ठिकरा

पाकिस्तान की खस्ता आर्थिक व्यवस्था के चलते साल 2020 के अंत तक पाकिस्तान का कुल कर्ज 11.5 फीसदी सालाना की दर से बढ़कर 35.8 ट्रिलियन रुपये तक पहुंच गया है. हालांकि ढाई साल सरकार चलाने के बाद भी पीएम इमरान पिछले सरकारों पर ठीकरा फोड़ रहे हैं. इमरान सरकार में वित्त मंत्री ने तो ये तक कह दिया कि पिछली सरकार ने गलम आर्थिक नीतियां बनाईं थीं. जिस कारण देश को अत्याधिक विनिमय दर और अत्यधिक उधारी का सामना करना पड़ रहा है.

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