Pakistan: पाकिस्तान सरकार ने पशु क्रूरता रोकने के लिए पहली बार बड़ा फैसला किया है. शहबाज सरकार ने अपने पहले व्यापक पशु कल्याण कानून की घोषणा की है. इसके तहत न केवल जुर्माने का बल्कि दोषी के खिलाफ सजा का भी प्रावधान किया गया है. सरकार ने एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है.
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Pakistan First Comprehensive Animal Welfare Law: पाकिस्तान सरकार ने पहली बार जानवरों की रक्षा के लिए कुछ कड़े फैसले लिए हैं. सरकार ने अपने पहले व्यापक पशु कल्याण कानून की घोषणा की है. इसमें पशु क्रूरता अपराधों के लिए दंड और जीवित जानवरों पर परीक्षण और सर्जरी पर प्रतिबंध भी शामिल है. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की रणनीतिक सुधार इकाई के प्रमुख सलमान सूफी ने बताया कि, यह कानून फिलहाल इस्लामाबाद में लागू किया जाएगा और संघीय सरकार प्रांतों को इसे लागू करने के लिए प्रोत्साहित करेगी. बता दें कि पाकिस्तानी पशु अधिकार कार्यकर्ता लंबे समय से ब्रिटिश काल के कानून में संशोधन की मांग कर रहे ते ताकि देश में प्रभावी कानून के माध्यम से पशु क्रूरता और दुर्व्यवहार को रोका जा सके.
इस नए कानून के तहत अब पशु क्रूरता अपराधों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है. अपराधियों को अब 15,000 पाकिस्तानी रुपये ($73) का जुर्माना और जेल की सजा मिल सकती है. सरकार ने इस तरह के मामलों की सूचना देने के लिए इस्लामाबाद में 1819 हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है. लोग इस नंबर पर कॉल करके जानवरों के प्रति क्रूरता की शिकायत कर सकते हैं.
नए पशु कल्याण कानून में सबसे बड़ी बात ये है कि राजधानी में पशु चिकित्सा स्कूलों और औद्योगिक परिसरों में जीवित जानवरों पर परीक्षण और सर्जरी करने पर रोक लगा दी गई है. सूफी ने बताया कि, पालतू जानवरों के बाजारों के लिए भी दिशानिर्देशों की घोषणा जल्द की जाएगी. इन नियमों का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा और उनकी दुकानें बंद की जा सकती हैं. उन्होंने बताया कि इस कानून को राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने के लिए संसद के अगले सत्र में एक व्यापक कानून पेश किया जाएगा. वहीं पेटा ने पाकिस्तान के इस कदम की सराहना की है.
बता दें कि मई में पाकिस्तान में एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें पशु चिकित्सा छात्रों द्वारा जानवरों से काफी क्रूर व्यवहार दिखाई दे रहा था. इसके बाद पशु प्रेमियों ने इसे लेकर भारी विरोध किया. तब से ही प्रदर्शनकारी कड़े कानून की मांग कर रहे थे. लोगों की मांग को देखते हुए ही सरकार यह कानून लेकर आई है.
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