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इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) को कोरोना की मार झेल रहे आवाम की कोई चिंता नहीं है. इमरान ने जनता को भगवान भरोसे छोड़कर कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) न खरीदने का फैसला लिया है. सरकार का कहना है कि वह फिलहाल वैक्सीन नहीं खरीदेगी, इसके बजाए कोरोना से निपटने के लिए हर्ड इम्यूनिटी और साथी देशों से मुफ्त में मिलने वाली वैक्सीन पर ही निर्भर रहा जाएगा.
नेशनल हेल्थ सर्विसेज के सेक्रटरी आमिर अशरफ ख्वाजा (Amir Ashraf Khawaja) ने पब्लिक अकाउंट्स कमेटी की ब्रीफिंग के दौरान कहा कि फिलहाल कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) खरीदने की कोई योजना नहीं है. हम हर्ड इम्यूनिटी (Herd Immunity) और मित्र देशों से बतौर गिफ्ट मिलने वाली वैक्सीन से ही कोरोना का मुकाबला करेंगे. बता दें कि हर्ड इम्यूनिटी तब होती है जब बड़ी संख्या में लोग, संक्रमित बीमारी से प्रभावित होने के बाद उससे इम्यून बन जाते हैं.
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हमारी सहयोगी वेबसाइट WION में छपी खबर के मुताबिक, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर मेजर जनरल आमिर इकराम (Maj Gen Aamir Aamer Ikram) ने बताया कि चीन निर्मित कोरोना वैक्सीन के एक डोज की कीमत 13 डॉलर है, इसलिए फिलहाल वैक्सीन खरीदने का निर्णय नहीं लिया गया है. पाकिस्तान वैक्सीन के लिए अंतरराष्ट्रीय डोनर्स और चीन जैसे साथी देशों पर निर्भर है.
वहीं, नेशनल हेल्थ सर्विसेज के सेक्रटरी ने बताया कि चीन की फार्मास्यूटिकल कंपनी सिनोफार्म (Sinopharm) ने पाकिस्तान को कोरोना टीके की 10 लाख खुराक देने का वादा किया है. इनमें से 5 लाख पाकिस्तान को मिल गई हैं और बाकी भी जल्द मिल जाएंगी. उन्होंने कहा कि अब तक मिली वैक्सीन में से पाकिस्तान ने 2 लाख 75 हजार खुराक स्वास्थ्यकर्मियों को लगाई हैं. पाकिस्तान का लक्ष्य इस साल के अंत तक 7 करोड़ लोगों को वैक्सीन देने का है.
पाकिस्तान को ग्लोबल अलायंस फॉर वैक्सीन्स एंड इम्यूनाइजेशन (Global Alliance for Vaccines and Immunisation-Gavi) के जरिए भारत निर्मित ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रेजेनेका की कोरोना वैक्सीन की एक करोड़ 60 लाख मुफ्त खुराक भी मिल सकती हैं, जिससे पाकिस्तान की 20 प्रतिशत आबादी का टीकाकरण हो जाएगा. गौरतलब है कि वर्ष 2000 में स्थापित अंतरराष्ट्रीय संस्था गावी का उद्देश्य दुनिया के गरीब देशों को ऐसी बीमारियों का टीका मुहैया कराना है, जिन्हें वैक्सीन के जरिए रोका जा सकता है. अब पाकिस्तान को उम्मीद है कि इसी के जरिये वह कोरोना से मुफ्त में मुकाबला कर पाएगा.
कोरोना ने पाकिस्तान में भी जमकर कहर बरपाया है. इमरान सरकार के आर्थिक प्रेम के चलते शुरुआत में कड़े कदम नहीं उठाए गए, जिसकी वजह से कोरोना बेकाबू हो गया. अब जब वैक्सीन विकसित हो गई है, तब भी सरकार पैसे बचाते हुए इसे खरीदने से कतरा रही है. इमरान खान चाहते हैं कि खैरात में मिली वैक्सीन से ही कोरोना से जंग जीती जाए. हालांकि, ये बात अलग है कि उनकी इस सनक का खामियाजा फिर आम जनता को भुगतना पड़ेगा,