क्या जाने वाली है इमरान खान सरकार? सहयोगी दल ने किया बड़ा दावा
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क्या जाने वाली है इमरान खान सरकार? सहयोगी दल ने किया बड़ा दावा

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान विपक्षी पार्टियों के जाल में बुरी तरह फंस गए हैं और उनका बाहर निकलना मुश्किल माना जा रहा है. सरकार के सहयोगी दलों को भी लगने लगा है कि सत्ता से उनकी विदाई लगभग तय है. 

फाइल फोटो

इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) मुश्किल में हैं और उनकी सत्ता से विदाई लगभग तय समझी जा रही है. यहां तक कि उनकी सहयोगी पार्टियों को भी इस ‘बदलाव’ का अहसास हो गया है. पाकिस्तान मुस्लिम लीग- कायद (PML-Q) के चीफ चौधरी परवेज इलाही (Chaudhry Pervaiz Elahi) का कहना है कि इमरान सरकार 100% मुश्किल में है और अब उसे बचाना बेहद कठिन हो गया है. उन्होंने कहा कि अगर PM खुद जाकर अपने सांसदों को मना लेते हैं, तो शायद कुछ वक्त के लिए बात बन जाए. 

  1. विपक्ष लेकर आया है अविश्वास प्रस्ताव
  2. 28 मार्च को होनी है प्रस्ताव पर वोटिंग
  3. सहयोगी दल भी विपक्ष से प्रभावित

अपनी सरकार के खिलाफ जाएंगे सांसद!

पाकिस्तान की विपक्षी पार्टियां इमरान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव यानी नो कॉन्फिडेंस मोशन लाई हैं. इस पर 28 मार्च को वोटिंग होनी है. कहा जा रहा है कि इमरान के लिए विपक्ष के इस वार से बचना नामुमकिन है, क्योंकि उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के करीब 18 से 20 सांसद अपनी ही सरकार के खिलाफ वोटिंग कर सकते हैं.

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पंजाब के CM की भी जाएगी कुर्सी?

चौधरी परवेज इलाही को पाकिस्तान के सबसे बड़े नेताओं में से एक माना जाता है. वो पंजाब प्रांत से आते हैं और उनकी पार्टी के पांच सांसद इस वक्त इमरान सरकार को समर्थन दे रहे हैं. इतना ही नहीं, पंजाब की राज्य सरकार को भी इलाही के कुछ विधायकों का समर्थन प्राप्त है. यहां भी इमरान की पार्टी की सरकार है. खबर ये भी है कि इमरान के साथ ही पंजाब के मुख्यमंत्री उस्मान बुजदार की कुर्सी भी जाना तय है. इलाही का कहना है कि इमरान को अब बाहर निकलकर अपने सहयोगी दलों के पास जाना होगा. उन्हें सहयोगियों को मनाना होगा, तभी सरकार बच पाएगी. 

इस तरह फंस सकते हैं इमरान 

परवेज ने कहा कि इसमें कोई दो-राय नहीं कि विपक्ष मजबूत और संगठित है. सरकार की सहयोगी पार्टियां भी विपक्ष से प्रभावित हैं, ऐसे में यदि सरकार अविश्वास प्रस्ताव में फेल हो जाती है तो कोई आश्चर्य नहीं होगा.  ‘द डॉन’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इमरान सरकार के पास फिलहाल 179 सांसदों का समर्थन है और बहुमत के लिए 172 सांसदों की जरूरत होती है. सहयोगी दलों के 7 सांसद इस सरकार को समर्थन दे रहे हैं. माना जा रहा है कि 18 से 20 सांसद विपक्ष के साथ जाने को तैयार बैठे हैं, क्योंकि उन्हें इमरान के साथ भविष्य नजर नहीं आता. यदि ऐसा होता है तो विपक्ष की कुल संख्या 200 के करीब हो जाएगी और सरकार के पास 160 से भी कम सांसद बचेंगे. यानी सरकार का गिरना तय है.

 

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