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इस्लामाबाद: पाकिस्तान की सियासत में कोहराम मचा हुआ है और शहर-शहर जुलूस, मोर्चे और जलसे निकल रहे हैं. ये आखिरी हफ्ता है, जिसके बाद इमरान खान (Imran Khan) पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री हो सकते हैं और 31 मार्च को पाकिस्तानी संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस होनी है. इसके बाद 3-4 अप्रैल को वोटिंग है. उससे पहले इमरान खान अपनी कुर्सी बचाने के लिए तरह तरह के हथकंडे अपना रहे हैं. अब इमरान ने एक व्हिप जारी किया है कि उनकी पार्टी के सारे सांसद संसद से गायब हो जाएं और प्रस्ताव पर वोटिंग ही न करें.
इमरान खान (Imran Khan) को कुर्सी बचाने के लिए वोट चाहिए. पार्टी में भगदड़ मची है और एक को संभालते हैं तो दूसरा खिसक जाता है. दूसरे को संभालते हैं तो तीसरा बगावत कर देता है. घबराकर इमरान खान ने कुर्सी बचाने की आखिरी कोशिश की है. इमरान ने अपनी ही पार्टी के सांसदों को धमकाना शुरू कर दिया है.
एक पन्ने की धमकी वाली चिट्ठी में इमरान खान (Imran Khan) ने लिखा है कि पीटीआई की पार्लियामेंट्री पार्टी का कोई नेता अविश्वास प्रस्ताव पर वोट नहीं करेगा. वोटिंग के दिन पीटीआई को कोई सांसद संसद में आएगा भी नहीं. अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान पीटीआई का वही सांसद बोलेगा जिसे हम (इमरान खान) कहेंगे. अगर इस आदेश का उल्लंघन हुआ तो उस पर कार्रवाई होगी.
जियो न्यूज की खबर के मुताबिक, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) सांसदों को लिखे एक पत्र में प्रधानमंत्री खान ने कहा, 'नेशनल असेंबली में पीटीआई (उनकी पार्टी) के सभी सदस्य मतदान से दूर रहें/उस दिन नेशनल असेंबली की बैठक में शामिल नहीं हों जब उक्त प्रस्ताव पर मतदान कराया जाएगा.' उन्होंने कहा कि सभी सदस्य पूरी तरह से उनके निर्देशों का पालन करें और 'पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 63(ए) के प्रावधान के पीछे की मंशा' को ध्यान में रखें.
पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में सोमवार को इमरान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया गया है. नेता विपक्ष शहबाज शरीफ ने इस प्रस्ताव को सदन में पेश किया. इस प्रस्ताव को संसद की मंजूरी भी मिल चुकी है और इस पर 31 मार्च को बहस होनी है. गृह मंत्री शेख राशिद ने बताया कि अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान अप्रैल के पहले सप्ताह में हो सकता है. उन्होंने दावा किया कि इमरान खान इसमें विजयी रहेंगे. उन्होंने अनुमान जताया कि अलग-थलग पड़े सभी सहयोगी खान के नेतृत्व वाली सरकार का समर्थन करने के लिए वापस आएंगे जैसा कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-कायद (पीएमएल-क्यू) द्वारा पहले ही किया जा चुका है.
इस बीच, सरकार ने मंगलवार को कहा कि वह देश के चीफ जस्टिस के साथ एक 'लेटर' शेयर करना चाहती है, जिसे प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक रैली में उन्हें सत्ता से बाहर करने के विदेशी 'षडयंत्र' के सबूत के तौर पर दिखाया था. सूचना मंत्री फवाद चौधरी के साथ योजना मंत्री असम उमर ने संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि उन्होंने खुद पत्र देखा है और उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान चीफ जस्टिस के साथ इसे शेयर करने के लिए तैयार हैं. उमर ने कहा कि यह पत्र आठ मार्च को प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव सौंपने से पहले लिखा गया था, लेकिन इसमें साफ तौर पर अविश्वास प्रस्ताव का जिक्र है, जो चिंता की बात है. उन्होंने कहा, 'तो यह स्पष्ट है कि विदेशी साजिश और अविश्वास प्रस्ताव का आपस में संबंध है. ये दोनों अलग चीजें नहीं हैं और हम उनके बीच में स्पष्ट जुड़ाव देखते हैं.'
(इनपुट- न्यूज एजेंसी भाषा)
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