Pakistan Politics: कंगाल पाकिस्तान के पास नहीं बचे पैसे, वेतन वृद्धि से पीछे हटी सरकार
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Pakistan Politics: कंगाल पाकिस्तान के पास नहीं बचे पैसे, वेतन वृद्धि से पीछे हटी सरकार

Pakistan Economic Crisis: पाकिस्तान (Pakistan) की आर्थिक कंगाली नए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) के लिए गले की हड्डी बन गई है. सरकारी खजाना खाली होने की वजह से उन्हें एक दिन बाद ही अपने एक वादे पर यू-टर्न लेना पड़ गया.

Pakistan Politics: कंगाल पाकिस्तान के पास नहीं बचे पैसे, वेतन वृद्धि से पीछे हटी सरकार

Pakistan Economic Crisis: पाकिस्तान (Pakistan) के नए प्रधानमंत्री बने शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) के लिए देश की आर्थिक कंगाली बड़ी मुसीबत बन गई है. राजकोष में धन की कमी को देखते हुए सरकार नेशनल असेंबली में की गई वेतन वृद्धि की घोषणा से अगले दिन ही पलट गई.

पीएम शहबाज ने की थी वेतन वृद्धि की घोषणा

एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, पीएम शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) ने नेशनल असेंबली के अपने पहले संबोधन में मजदूरों के वेतन, पेंशन और न्यूनतम वेतन में वृद्धि की घोषणा की थी.

शरीफ (Shehbaz Sharif) ने ऐलान किया था कि कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 25,000 रुपये और सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों की पेंशन में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाएगी. इसके साथ एक लाख रुपये से कम आय वाले सरकारी कर्मचारियों को भी 10 प्रतिशत वेतन वृद्धि देने का वादा किया गया था.

पिछली इमरान सरकार को लगाई लताड़

पीएम ने इमरान खान के नेतृत्व वाली PTI को लताड़ लगाते हुए आरोप लगाया था कि इमरान सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया है. देश के चालू खाते के घाटे और दूसरी आर्थिक गड़बड़ियों की वजह से मुल्क उभर नहीं पा रहा है. 

एक दिन में ही वादे से पलट गए शहबाज

पीएम शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) की इस घोषणा के अगले दिन ही पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के वरिष्ठ नेता मिफ्ताह इस्माइल ने इस मुद्दे पर सरकार के यू-टर्न लेने की घोषणा कर दी. मिफ्ताह ने कहा कि चूंकि कुछ महीने पहले ही सरकारी कर्मचारियों का वेतन बढ़ाया गया था, इसलिए सरकार उन्हें फिर से नहीं बढ़ा रही है.

कर्मचारियों की वेतन वृद्धि से हाथ किए खड़े

मिफ्ताह ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा, 'चूंकि संघीय सरकारी कर्मचारियों का वेतन कुछ महीने पहले बढ़ा दिया गया था, हम उन्हें फिर से नहीं बढ़ा रहे हैं. हमने सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों की पेंशन बढ़ा दी. मुझे उम्मीद है कि इससे कोई भ्रम दूर होगा.' मिफ्ताह ने हालांकि कहा कि वेतन के मुद्दे पर अगले बजट में जरूर विचार किया जाएगा.

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अरबों रुपये के कर्ज में दबा है पाकिस्तान

बताते चलें कि पाकिस्तान अरबों रुपये के विदेशी कर्ज (Pakistan Economic Crisis) में दबा हुआ है. इनमें चीन, सऊदी अरब, यूएई, आईएमएफ का कर्ज सबसे ज्यादा है. इन कर्जों पर दिए जा रहे भारी भरकम ब्याज से पाकिस्तान की हालत दिन-प्रतिदिन बदतर होती जा रही है. यह मुद्दा 3 साल तक इमरान सरकार के गले की हड्डी बना रहा है. अब शहबाज शरीफ के लिए भी मुसीबत बनकर उभर गया है. 

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