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इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) को शायद अपनी फजीहत का डर है, इसलिए वो विदेशों से मिले तोहफों की जानकारी देने से बच रहे हैं. राजनीतिक मामलों में इमरान के विशेष सहायक शहबाज गिल (Shahbaz Gill) ने साफ किया है कि सरकार गिफ्ट की जानकारी सावर्जनिक नहीं करेगी. उन्होंने इस मुद्दे को लेकर सोशल मीडिया पर छिड़ी जंग पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान को अन्य राष्ट्राध्यक्षों से मिले गिफ्ट्स पर सरकार गोपनीयता बनाए रखेगी.
‘जियो न्यूज’ की रिपोर्ट के मुताबिक, शहबाज गिल (Shahbaz Gill) ने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) को मिले तोहफों (Gifts) की लिस्ट जारी करना या फिर उनकी तुलना अन्य देशों से करना ठीक नहीं है. खासतौर पर ऐसे तोहफों की जो पाकिस्तान (Pakistan) को उन मुस्लिम देशों से मिले हैं, जिनके साथ उसके अच्छे संबंध हैं.
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गिल ने कहा कि आमतौर पर प्रधानमंत्री इन तोहफों को तोशाखाना (Toshakhana) में जमा कर देते हैं, अगर वह उन्हें अपने पास रखना चाहते हैं, तो इसके लिए उन्हें कुछ पैसे का भुगतान करना होता है. हालांकि, गिल ने ये नहीं बताया कि कौन से तोहफे प्रधानमंत्री के पास हैं और किन तोहफों को तोशाखाना में रखा गया है. प्रधानमंत्री के विशेष सहायक ने कहा कि पिछली सरकार में ऐसे तोहफों के लिए 15 फीसदी राशि का भुगतान किया गया था, लेकिन पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) सरकार के दौरान, तोहफे का 50 फीसदी मूल्य कोषागार में जमा किया जाता है.
पुरानी सरकार पर तंज कसते हुए गिल ने कहा कि अन्य देशों से लिए गए तोहफे गायब नहीं हुए हैं और पीटीआई के कार्यकाल के दौरान ऐसा नहीं होगा. दरअसल, पाकिस्तान के एक नागरिक ने सूचना आयोग के जरिए इमरान खान को विदेशों से मिले गिफ्ट्स की जानकारी मांगी थी. जिसके बाद आयोग ने सरकार से जानकारी देने को कहा, लेकिन सरकार ने इससे इनकार कर दिया है.