नई दिल्ली: चीन (China) भले ही विकास की दौड़ में सबसे आगे होने का दावा करता हो लेकिन देश का टूटता सामाजिक ताना-बाना वहां बड़ी समस्या बनता जा रहा है. एक तरफ युवा महिलाओं का शादी जैसे संबंध से विश्वास उठता जा रहा है वहीं सरकार युवा महिलाओं को शादी करने और बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. इस बीच चीनी महिलाओं को मिल रही 'लव लीव' एक बार फिर चर्चा में है.
चीन में महिलाएं शादी नहीं करना चाहतीं इसके पीछे एक बड़ी वजह यह भी है कि उन्हें भाग-दौड़ भरी लाइफ में अपनी व्यक्तिगत जिंदगी के बारे में सोचने का समय ही नहीं मिल रहा. ये समस्या इस हद तक बढ़ गई है कि वहां दफ्तरों से महिलाओं को छुट्टियां देने की खास व्यवस्था शुरू की गई.
ये व्यवस्था 2019 में चर्चा में आई लेकिन आज भी कई दफ्तरों में महिलाएं लव लीव के लिए अप्लाई कर सकती हैं. बस इसके लिए एक शर्त ये है कि वो महिला कर्मचारी सिंगल होनी चाहिए और उम्र 30 के आसपास हो.
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के हवाले से BBC की एक रिपोर्ट में कहा गया, पूर्वी चीन के हांगझाओ में कंपनियों ने अपनी महिला कर्मचारियों को 'डेटिंग लीव' दी. 2019 में शुरू हुई ये व्यवस्था आज भी कई कंपनियों और स्कूलों में सिंगल महिलाओं के लिए लागू है. इन छुट्टियों को 'लव-लीव' कहा जा रहा है.
असल में बीते कुछ वर्षों में चीन में सिंगल रहने का चलन तेजी से बढ़ रहा है. लोग अपने करियर को आगे बढ़ाने के मकसद से शादियों को बंधन समझने लगे हैं. ऐसे में अब वहां की सरकार भी चाहती है कि लोग शादियां करें और बच्चे पैदा करें, इसीलिए महिलाओं को सच्चा प्यार खोजने के लिए छुट्टियां देने की व्यवस्था की गई.
चीन में सामाजिक विज्ञान की अकेडमी के प्रोजेक्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में जिस तेजी से जनसंख्या घट रही है ऐसे में अगले 50 सालों में चीन की आबादी 140 करोड़ से घटकर 120 करोड़ हो जाएगी. इसी चिंता के चलते दफ्तरों में महिलाओं को इस तरह की छुट्टियां देने का मकसद उन्हें शादी जैसे बंधनों में बांधना है ताकि वे बच्चे पैदा कर सकें.
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