Maryam Nawaz Sharif: मरयम का यह बयान ऐसे वक्त पर आया है, जब उनके पिता और पीएमएल-एन प्रमुख नवाज शरीफ लंदन से लौट सकते हैं. उनके पार्टी के चुनाव अभियान की अगुआई करने की बात भी सामने आ रही है.
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Pakistan General Election: आर्थिक मुश्किलों के अलावा पाकिस्तान का सियासी संकट भी किसी से छिपा नहीं है. एक तरफ जहां सेना बनाम इमरान खान चल रहा है तो दूसरी ओर सत्ताधारी पार्टियों का गठबंधन भी पूर्व पीएम पर हमलावर है. पाकिस्तान में इसी साल आम चुनाव होने हैं. लेकिन उससे पहले सत्ताधारी मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) की उपाध्यक्ष मरयम नवाज ने दावा किया है कि पार्टी आगामी आम चुनाव भारी बहुमत से जीतेगी और असरदार संसदीय ताकत बनकर उभरेगी.
मरयम का यह बयान ऐसे वक्त पर आया है, जब उनके पिता और पीएमएल-एन प्रमुख नवाज शरीफ लंदन से लौट सकते हैं. उनके पार्टी के चुनाव अभियान की अगुआई करने की बात भी सामने आ रही है.
'प्रचंड बहुमत से जीतेंगे'
अखबार द न्यूज ने शनिवार को मरयम के हवाले से अपनी रिपोर्ट में कहा, पीएमएल-एन आगामी चुनाव प्रचंड बहुमत से जीतेगी और पार्टी एक असरदार संसदीय ताकत के रूप में उभरेगी.' उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से जन संपर्क अभियान शुरू करने को कहा. खबर के मुताबिक, पीएमएल-एन आलाकमान के टॉप नेता जल्द ही लंदन में शरीफ से मुलाकात करने वाले हैं.
खबर के अनुसार, बैठक में अगले चुनाव की संभावित तारीख, पाकिस्तान में राजनीतिक स्थिति और अन्य मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. पार्टी सूत्रों ने दावा किया कि बैठक में पीडीएम और अन्य सहयोगी दलों के साथ संभावित सीट-टू-सीट समायोजन पर भी बातचीत की जाएगी. मरियम नवाज और गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह पाकिस्तान के पंजाब से पार्टी के संभावित उम्मीदवारों की सूची नवाज शरीफ को पेश करेंगे.
सीनेट ने पास किया ये बिल
इस बीच, पाकिस्तान की सीनेट ने यह तय करने के लिए शुक्रवार को एक बिल पारित किया कि कोई भी सांसद जीवनभर के लिए अयोग्य नहीं होगा. इस कदम को विपक्ष ने पूर्व प्रधानमंत्री शरीफ की देश में वापसी और चुनावों में उनकी भागीदारी का रास्ता साफ करने की कोशिश बताया गया है.
73 साल के शरीफ को 2017 में सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ ने अयोग्य घोषित कर दिया था. शरीफ 2018 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जीवनभर के लिए सार्वजनिक पद पर रहने के अयोग्य हो गए थे. पाकिस्तान के निचले सदन यानी नेशनल असेंबली इस साल 12 अगस्त को अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा करेगी और नए आम चुनाव 60 दिन के भीतर कराए जाने जरूरी हैं, जैसा कि पाकिस्तान के संविधान में तय किया गया है.