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Pakistan News: पाकिस्तान की नई सरकार ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) को लेकर इमरान खान (Imran Khan) को कठघरे में खड़ा किया है. पाकिस्तान के योजना एवं विकास मंत्री अहसान इकबाल का कहना है कि चीन को CPEC से बहुत उम्मीदें थीं, लेकिन पूर्व सरकार की नीतियों और रवैये को देखकर वह भी हैरान हो गया था.
‘जियो न्यूज’ के मुताबिक, अहसान इकबाल (Ahsan Iqbal) ने इमरान खान पर निशाना साधते हुए कहा कि पूर्व पीटीआई सरकार की नीतियों के चलते पाकिस्तान को विदेशी निवेश में लगभग 40 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है. अगर विशेष आर्थिक क्षेत्रों का काम पूरा हो जाता तो यह हाल नहीं होता. उन्होंने कहा कि इस पैसे को अब लाओस, वियतनाम, कंबोडिया और कुछ अन्य देशों में भेज दिया गया है.
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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की कुर्सी संभालने वाले शहबाज शरीफ (Pakistan Prime Minister Shehbaz Sharif) की पहली प्राथमिकता चीन के विश्वास को फिर से हासिल करना है और इसके लिए वह अरबों डॉलर की सीपीईसी परियोजना पर काम फिर से शुरू करना चाहते हैं. इमरान विरोधियों का कहना है कि इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी की सरकार के कार्यकाल में चीन का पाकिस्तान पर विश्वास कम हुआ था.
एक रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2018 में पीटीआई के सत्ता में आने के बाद तत्कालीन वाणिज्य सलाहकार अब्दुल रजाक दाऊद ने एक ब्रिटिश प्रकाशन को बताया था कि सीपीईसी ने अपने पाकिस्तानी समकक्षों की तुलना में चीनी कंपनियों को गलत तरीके से फायदा पहुंचाया. उन्होंने आगे कहा था कि पीटीआई चीन के साथ पाकिस्तान के सौदों की समीक्षा करेगी और एक-एक साल के लिए सब कुछ रोक देगी. इस टिप्पणी से बीजिंग नाराज हो गया था. साथ ही पिछले तीन सालों से क्षेत्रीय कॉरिडोर का निर्माण कछुआ गति से चल रहा था.
इनपुट: आईएएनएस