तालिबान के पिट्ठू बने इमरान खान, अब अफगान सरकार में निभाएंगे ये रोल
Advertisement
trendingNow1989299

तालिबान के पिट्ठू बने इमरान खान, अब अफगान सरकार में निभाएंगे ये रोल

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान तालिबान के पिट्ठू बन गए हैं. अब वे तालिबान के साथ मिलकर उसके वादे को पूरा करने में लग गए हैं. तालिबान ने काबुल में एक समावेशी सरकार बनाने का वादा किया था. 

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (फाइल फोटो).

इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने शनिवार को कहा कि उन्होंने काबुल में एक समावेशी सरकार के लिए तालिबान (Taliban) के साथ बातचीत शुरू की है, जिसमें ताजिक, हजारा और उज्बेक समुदाय के लोग शामिल हों. एक दिन पहले ही शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सदस्य देशों ने कहा था कि युद्धग्रस्त देश में एक समावेशी सरकार का होना महत्वपूर्ण है, जिसमें सभी जातीय, धार्मिक और राजनीतिक समूहों के प्रतिनिधि हों.

  1. तालिबान के पिट्ठू बन गए इमरान खान
  2. अफगान सरकार में निभा रहे भूमिका
  3. शनिवार को एक ट्वीट से किया खुलासा

तालिबान ने किया था वादा

अगस्त माह में अफगानिस्तान पर कब्जा करने वाले तालिबान ने ऐसी समावेशी सरकार का वादा किया था, जिसमें अफगानिस्तान (Afghanistan) की कॉम्प्लेक्स एथिक कंपोजिशन का प्रतिनिधित्व हो. लेकिन 33 सदस्यीय अंतरिम मंत्रिमंडल में न तो हजारा समुदाय का कोई सदस्य है और न ही कोई महिला है.

ट्विटर पर बोले इमरान खान

इमरान खान ने ट्विटर पर लिखा, ‘अफगानिस्तान के पड़ोसी देशों के नेताओं के साथ दुशांबे में बैठक के बाद, खासकर ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति इमोमाली रहमान के साथ लंबी चर्चा के बाद मैंने ताजिक, हजारा और उज्बेक समुदाय के प्रतिनिधित्व वाली समावेशी अफगान सरकार के बारे में तालिबान के साथ बात की है.’ हालांकि खान की तालिबान के साथ जो चर्चा हुई, उस बारे में स्वयं उन्होंने या अन्य अधिकारियों ने और कोई जानकारी नहीं दी. खान ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, ‘40 वर्ष के संघर्ष के बाद, यह समावेश शांति और एक स्थिर अफगानिस्तान सुनिश्चित करेगा, जो न केवल अफगानिस्तान, बल्कि क्षेत्र के भी हित में है.’

ये भी पढ़ें:- अमेरिका की माफी मंजूर नहीं, ड्रोन अटैक के बाद भड़के अफगानी लोगों ने कही ये बात

'वादों को पूरा करना जरूरी है'

SCO के शिखर सम्मेलन को शुक्रवार को संबोधित करते हुए खान ने कहा था, ‘तालिबान को समावेशी राजनीतिक ढांचे के लिए किए गए वादों को अवश्य पूरा करना चाहिए, जहां सभी जातीय समूहों का प्रतिनिधित्व हो. यह अफगानिस्तान में स्थिरता के लिए जरूरी है.’ उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के फिर कभी आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह नहीं बनने को सुनिश्चित करने के साथ-साथ सभी अफगानों के अधिकारों के लिए सम्मान सुनिश्चित करना भी जरूरी है.

ये भी पढ़ें:- पंजाब का नया मुख्यमंत्री कौन? कल होने वाली विधायक दल की बैठक में होगा फैसला

'शांतिपूर्ण देश बनेगा अफगानिस्तान'

शंघाई सहयोग संगठन के नेताओं ने संगठन के वार्षिक शिखर सम्मेलन के समापन के बाद जारी की गई एक संयुक्त घोषणा में शुक्रवार को कहा था कि अफगानिस्तान को आतंकवाद, युद्ध और मादक पदार्थों से मुक्त स्वतंत्र, लोकतांत्रिक एवं शांतिपूर्ण देश बनना चाहिए तथा युद्धग्रस्त देश में एक समावेशी सरकार का होना महत्वपूर्ण है, जिसमें सभी जातीय, धार्मिक एवं राजनीतिक समूहों के प्रतिनिधि शामिल हों. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवाद से संबंधित काली सूची में शामिल इस संगठन के कम से कम 14 सदस्यों के अफगानिस्तान में तालिबान की अंतरिम सरकार में होने के संदर्भ में संयुक्त घोषणा में कहा गया, ‘सदस्य देशों का मानना है कि अफगानिस्तान में एक समावेशी सरकार का होना महत्वपूर्ण है जिसमें सभी जातीय, धार्मिक एवं राजनीतिक समूहों के प्रतिनिधि शामिल हों.’

LIVE TV

Trending news