कारगिल युद्ध के दौरान जब वाजपेयी ने नवाज शरीफ की फोन पर लगाई थी 'क्लास', पूर्व पाक PM ने खुद बताया था ये किस्सा
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कारगिल युद्ध के दौरान जब वाजपेयी ने नवाज शरीफ की फोन पर लगाई थी 'क्लास', पूर्व पाक PM ने खुद बताया था ये किस्सा

Pakistan News: फिलहाल लंदन में रह रहे पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ 21 अक्टूबर को अपने देश लौट रहे हैं. उनके छोटे भाई और पूर्व पीएम शहबाज शरीफ ने यह घोषणा की है. 

कारगिल युद्ध के दौरान जब वाजपेयी ने नवाज शरीफ की फोन पर लगाई थी 'क्लास', पूर्व पाक PM ने खुद बताया था ये किस्सा

Kargil War: पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के प्रमुख नवाज शरीफ फिलहाल लंदन में रह रहे हैं और उनकी स्वदेश वापसी की अटकलें अक्सर लगती रहती हैं लेकिन इस बार उनके छोटे भाई और पूर्व पीएम शहबाज शरीफ ने मंगलवार को ऐलान किया कि नवाज 21 अक्टूबर को लंदन से पाकिस्तान लौटेंगे. उन्होंने लंदन में नवाज की अध्यक्षता में पीएमएल-एन के शीर्ष नेतृत्व की बैठक के बाद एक बयान में यह बात कही. नवाज शरीफ ने तीन बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का पद संभाला है. उन्हीं के कार्यकाल के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच कारगिल युद्ध (3 मई-26 जुलाई 1999) लड़ा गया था. इस जंग के दौरान एक बार ऐसा भी हुआ जब तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहार वाजपेयी ने फोन कर नवाज शरीफ की जमकर क्लास लगाई थी. लेकिन इस किस्से को जानने से पहले इसके पूरे बैक्रगाउंड को समझना होगा.

लाहौर घोषणापत्र

बता दें भारत-पाकिस्तान के बीच 21 फरवरी 1999 को लाहौर घोषणापत्र कर हस्ताक्षर किए गए थे. यह द्विपक्षीय संधि थी जिसके तहत, परमाणु शस्त्रागार के विकास और परमाणु हथियारों के आकस्मिक और अनधिकृत परिचालन उपयोग से बचने के लिए आपसी समझ पर सहमति बनी. लाहौर घोषणापत्र ने परमाणु दौड़ के साथ-साथ गैर-पारंपरिक और पारंपरिक संघर्षों से बचने के लिए दोनों देशों के नेतृत्व पर अतिरिक्त जिम्मेदारी ला दी.

लाहौर घोषणा को मई 1998 में दोनों देशों द्वारा सार्वजनिक रूप से किए गए परमाणु परीक्षणों के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच ऐतिहासिक रूप से तनावपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों पर काबू पाने में एक बड़ी सफलता माना जाता है.  अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा भी इसकी सराहना की गई. लेकिन चंद ही दिनों बाद कारगिल यु्द्ध छिड़ गया और लाहौर घोषणा पत्र दोनों देशों के बीच एक नाकाम कोशिश बनकर रह गया.

किताब ने नवाज ने मुशर्रफ को बताया यु्द्ध के लिए जिम्मेदार

किताब 'गद्दार कौन? में नवाज दावा करते हैं कि जनरल परवेज मुशर्रफ ने उनकी मंजूरी के बिना भारत के खिलाफ कारगिल युद्ध छेड़ा था और उन्हें इसके बारे में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के माध्यम से पता चला था. यह किताब पाकिस्तान में एक अखबार के राजनीतिक संपादक रहे सुहैल वड़ाएच ने नवाज शरीफ से बातचीत पर किताब लिखी थी.

किताब में नवाज शरीफ ने कारगिल युद्ध के समय वाजपेयी के उस फोन कॉल का जिक्र किया है. कारगिल में पाकिस्तानी घुसपैठ की जानकारी जब अटल बिहारी वाजपेयी को मिली तो उन्होंने तुरंत नवाज शरीफ को फोन घुमाया और गुस्से में कहा, 'नवाज साहेब, ये आपने क्या किया? हमने इतने अच्छे माहौल में बातचीत की और मेरे लौटते ही आपकी आर्मी ने हम पर अटैक कर दिया.'

नवाज ने जवाब में अटल जी को कहा कि मुझे इस बारे में कुछ नहीं पता है. किताब के मुताबिक, शरीफ ने दावा किया की कि उस समय के आर्मी चीफ रहे परवेज मुशर्रफ ने उनकी मंजूरी के बिना भारत के खिलाफ कारगिल युद्ध छेड़ा था और उन्हें इस दुस्साहस के बारे में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के माध्यम से पता चला था.

फोन पर बातचीत के दौरान अटल जी ने कहा था, 'नवाज साब, फरवरी 1999 में लाहौर में इक्कीस तोपों की सलामी दिए जाने के बाद उनकी पीठ में छुरा घोंपा गया.

गौरतलब है कि तीन बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज को 2018 में अल-अजीजिया मिल्स और एवेनफील्ड भ्रष्टाचार मामलों में दोषी ठहराया गया था. वर्ष 2019 में ‘चिकित्सा के आधार’ पर लंदन जाने की अनुमति दिए जान से पहले वह सात साल तक लाहौर की कोट लखपत जेल में रहे. शहबाज ने बताया कि पार्टी संस्थापक की वापसी पर भव्य स्वागत किया जाएगा.

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