एक वरिष्ठ अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने जानकारी दी कि राष्ट्रपति जो बाइडन के निर्देश पर अमेरिकी सेना ने स्थानीय समयानुसार शनिवार को दो बजकर 39 मिनट पर अटलांटिक महासागर में चीन के निगरानी गुब्बारे को मार गिराय.
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Chinese Spy Balloon in US Airspace: अमेरिकी सेना ने शनिवार को एक संदिग्ध चीनी जासूसी गुब्बारे को मार गिराया. वहीं चीन ने यूएस को इसके कड़े नतीजे भुगतने की चेतावनी दी है. चीन ने कहा है कि अमेरिका द्वारा गुब्बारे को मार गिराना 'इंटरनेशनल प्रेक्टिस का गंभीर उल्लंघन' है.
अमेरिका ने शनिवार दोपहर को दक्षिण कैरोलाइना तट पर अटलांटिक महासागर में चीन के इस निगरानी गुब्बारे को मार गिराया. पीटीआई भाषा के मुताबिक एक वरिष्ठ अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने जानकारी दी कि राष्ट्रपति जो बाइडन के निर्देश पर अमेरिकी सेना ने स्थानीय समयानुसार दो बजकर 39 मिनट पर अटलांटिक महासागर में चीन के निगरानी गुब्बारे को मार गिराया.
जानकारी के मुताबिक दक्षिण कैरोलाइना में अमेरिकी तट से छह मील दूर गुब्बारे को मार गिराया. गुब्बारे को मार गिराने के दौरान अमेरिकी नागरिकों को जान-माल का नुकसान नहीं हुआ.
यह कार्रवाई कनाडाई सरकार के समन्वय और पूरे सहयोग के साथ की गई. पेंटागन अधिकारी ने बताया कि गुब्बारे को मार गिराए जाने के तुंरत बाद गुब्बारे द्वारा इक्ट्ठा की गई संवेदनशील सूचना हासिल करने के लिए कदम उठाए गए, ताकि चीन के लिए इसका खुफिया महत्व खत्म हो जाए. घटनास्थल पर कई जहाज और गोताखोर मौजूद हैं.
गुब्बारे पर छोड़ी गई मिसाइलें
पीटीआई भाषा के मुताबिक रक्षा अधिकारी ने बताया कि वर्जीनिया में लांगले एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाले लड़ाकू विमान ने एक मिसाइल छोड़ी, जिससे गुब्बारा अमेरिका के वायु क्षेत्र के भीतर महासागर में गिरा.
‘मैंने गुब्बारे को मार गिराने के लिए कहा था'
बाइडन ने मैरीलैंड में पत्रकारों से कहा, ‘मैंने उनसे गुब्बारे को मार गिराने के लिए कहा था.’ उन्होंने कहा, ‘बुधवार को जब मुझे गुब्बारे की जानकारी दी गई थी, तो मैंने पेंटागन को इसे जल्द से जल्द मार गिराने का आदेश दिया था. उन्होंने जमीन पर किसी को नुकसान पहुंचाए बिना यह करने का निर्णय लिया और इसके लिए सबसे उपयुक्त समय तब मिला, जब गुब्बारा समुद्र के ऊपर था.’
एक अन्य वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने बताया कि पेंटागन कुछ समय से ऊंचाई पर उड़ रहे गुब्बारे पर नजर रख रहा था. यह 28 जनवरी को अलास्का में घुसा था. इसके बाद, इसने 30 जनवरी को कनाडाई वायु क्षेत्र में प्रवेश किया और फिर 31 जनवरी को दोबारा अमेरिकी वायु क्षेत्र में घुसा.
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