देश में लगातार 3 दिनों से कोरोना संक्रमण के रोजाना 4 लाख से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. वहीं बीते एक दिन में 4,200 से ज्यादा लोगों की जान गई हैं. वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि आंकड़ों को कम करके बताया जा रहा है, क्योंकि श्मशान घाटों पर अंतिम संस्कार के लिए लाइनें लग रही हैं. यहां तक कि कई शहरों में सड़कों पर चिताएं जलानी पड़ी हैं.
वैसे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देशव्यापी लॉकडाउन लगाने से बच रहे हैं. वहीं महामारी की भयावहता को देखते हुए कई राज्यों की सरकारों ने राज्यव्यापी लॉकडाउन लगा दिए हैं. इसके अलावा कुछ राज्यों ने वीकेंड और नाइट कर्फ्यू का सहारा लिया है.
ब्लूमबर्ग क्विंट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक हैदराबाद में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) के प्रोफेसर माथुकुमल्ली विद्यासागर ने कहा है कि 'हमारे पुर्वानुमान के मुताबिक अगले कुछ दिनों में भारत में कोरोना का पीक देखने को मिल सकता है. मौजूदा अनुमान के मुताबिक जून के आखिर तक देश में रोजाना 20 हजार मामले सामने आ सकते हैं.'
प्रोफेसर माथुकुमल्ली विद्यासागर ने आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मनिंद्र अग्रवाल द्वारा तैयार किए गए मॉडल का उल्लेख भी किया है, जिसमें प्रो.अग्रवाल की टीम ने भविष्यवाणी की थी कि अप्रैल के मध्य तक कोरोना की लहर अपने चरम पर होगी. यह अनुमान गलत साबित हुआ और मई महीने में भी संक्रमण और मौतों के आंकड़े बढ़ने का सिलसिला जारी है. हालांकि बाद में प्रो. अग्रवाल ने 7 मई को कोरोना पीक आने की बात कही.
देश में पिछले 15 दिनों से कोरोना के 3 लाख से ज्यादा मामले दर्ज हो रहे हैं. इसके साथ ही देश में अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके लोगों की कुल संख्या 2 करोड़ को पार कर चुकी है. मामलों में बढ़ोतरी के लिए नए वैरिएंट और सुरक्षा उपायों में ढील को जिम्मेदार बताया जा रहा है.
वैज्ञानिकों का मानना है कि आने वाले कुछ सप्ताह भारत के लिए मुश्किल होंगे. वहीं बेंगलुरु स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान की एक टीम ने एक गणितीय मॉडल का उपयोग करते हुए बताया है कि यदि हालात ऐसे ही रहे तो 11 जून तक देश में 4,04,000 मौतें होने का अनुमान है. जबकि देश में अभी ही 2 लाख से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं.
भारत में बिगड़ रहे हालातों से पूरी दुनिया को खतरा है. यूनिसेफ की प्रमुख हेनरीटा फोर ने कहा है कि भारत में कोविड-19 की भयावह स्थिति पूरी दुनिया के लिए खतरे की घंटी है. वैज्ञानिक भी इस बात से चिंतित है कि जैसे ही नए स्ट्रेन दूसरे देशों में पहुंचेंगे यह महामारी पूरी दुनिया में तबाही मचाएगी.
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