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Jharkhand Tatloi Hot Water Spring: झारखंड में है ऐसा गर्म जलकुंड, जहां ठीक हो जाती है स्किन की बीमारी

Jharkhand Tatloi Hot Water Spring: झारखंड का दुमका और पूरा संताल परगना प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है. यहां की नदियां, पहाड़, झरने और जंगल पर्यटकों को बहुत आकर्षित करते हैं. इस क्षेत्र में कई गर्म जलकुंड है. जिनसे आज भी गर्म पानी निकलता है. 

ठीक हो जाती है स्किन की बीमारियां

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ठीक हो जाती है स्किन की बीमारियां

स्थानीय लोगों का मानना है कि इस गर्म जलकुंड के पानी में गंधक और अन्य औषधीय तत्व होते है. इस वजह से इसमें नहाने से स्किन संबंधित बीमारियां ठीक हो जाती है. इसके अलावा, तातलोई गर्म जलकुंड में अगर चावल या अंडा कपड़े की पोटली में रख कर थोड़ी देर डाल दिया जाए तो वह पक्कर खाने योग्य बन जाते हैं.

मिल सकती है रोजगार की संभावनाएं

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मिल सकती है रोजगार की संभावनाएं

संताल परगना का राजगीर दुमका के लोग गर्म जलकुंड तातलोई को मानते है. वहीं, अगर इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए तो यहां के लोगों को नई रोजगार की संभावनाएं मिल सकती है.

गर्म जलकुंड तातलोई का धार्मिक महत्व क्या है, जानिए

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गर्म जलकुंड तातलोई का धार्मिक महत्व क्या है, जानिए

गर्म जलकुंड तातलोई का धार्मिक महत्व भी है. मकर संक्रांति पर यहां तीन दिन तक मेला लगता है. इस दौरान संताल समाज के सफाहोड़ समुदाय के लोग जो मांस और शराब से परहेज करते है. इस जलकुंड में स्नान कर अपने आराध्य देव की वार्षिक पूजा करते है. 

 

एक सौ साल पहले और कितने थे गर्म झरने

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एक सौ साल पहले और कितने थे गर्म झरने

संताल गजेटियर में दुमका और पाकुड़ जिलों में कई गर्म जलकुंड और झरनों का जिक्र है. दुमका जिले में एक सौ साल पहले छह गर्म झरनों की खोज की गई थी. जिनमें गोपीकांदर, बारापलासी, केंदघाटा, तपत पानी, और भूमिका शामिल है. 

जरमुंडी प्रखंड में कभी था पातालगंगा नामक गर्म जल झरना

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जरमुंडी प्रखंड में कभी था पातालगंगा नामक गर्म जल झरना

जरमुंडी प्रखंड में नोनीहाट के पास कभी पातालगंगा नामक गर्म जल झरना था, लेकिन समय के साथ यह और कई अन्य झरने विलुप्त हो गए फिर भी दुमका जिले में तातलोई और नुनबील गर्म जलकुंड अब भी मौजूद है और इनकी पहचान कायम है.

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