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स्वतंत्रता दिवस: झंडा फहराते समय नहीं करनी चाहिए ये 5 गलतियां, वरना बड़ी मुसीबत में फंस जाएंगे आप

Independence Day 2024: स्वतंत्रता दिवस भारत के हर नागरिक के लिए गर्व और सम्मान का दिन है. इस दिन हम अपने तिरंगे को सलामी देकर देश की आजादी का जश्न मनाते हैं. हालांकि, ध्वजारोहण के दौरान कुछ आम गलतियां अक्सर देखने को मिलती हैं, जिन्हें टाला जा सकता है. इस लेख में, हम उन 5 सामान्य गलतियों के बारे में जानेंगे जिन्हें तिरंगा फहराते समय ध्यान में रखना जरूरी है.

ध्वज का जमीन से संपर्क

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ध्वज का जमीन से संपर्क

तिरंगे को हमेशा ऊंचा और सम्मान के साथ फहराना चाहिए. किसी भी स्थिति में ध्वज का जमीन से संपर्क नहीं होना चाहिए. यदि ध्वज को जमीन पर गिरा दिया जाता है, तो यह एक गंभीर गलती मानी जाती है. इसे तिरंगे का अपमान समझा जाता है. इसलिए ध्वज को संभालते समय अत्यधिक सावधानी बरतनी चाहिए, खासकर उसे फहराते और उतारते समय.

फटा ध्वज या धब्बेदार नहीं होना चाहिए

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फटा ध्वज या धब्बेदार नहीं होना चाहिए

ध्वज को हमेशा साफ, साफ-सुथरा और बिना किसी धब्बे या फटे हुए स्थिति में फहराना चाहिए. एक ध्वज का कपड़ा फटा हुआ, धब्बेदार या गंदा हो, तो यह हमारे देश के सम्मान का हनन करता है. इसलिए ध्वज को फहराने से पहले उसकी स्थिति की जांच करना बहुत जरूरी है. अगर ध्वज गंदा या फटा हुआ है, तो उसे तुरंत बदल देना चाहिए.

सूर्यास्त के बाद ध्वज न फहराना

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सूर्यास्त के बाद ध्वज न फहराना

राष्ट्रीय ध्वज को सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराना चाहिए. सूर्यास्त के बाद ध्वज को नीचे उतारकर सुरक्षित स्थान पर रख देना चाहिए. अगर ध्वज को रातभर फहराया जाता है, तो यह ध्वज संहिता का उल्लंघन माना जाता है. इसलिए यह सुनिश्चित करें कि सूर्यास्त के समय ध्वज को उतार लिया जाए.

ध्वज का उल्टा फहराना

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ध्वज का उल्टा फहराना

ध्वज को फहराते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि तिरंगा कभी भी उल्टा न हो. तिरंगे का केसरिया रंग हमेशा ऊपर होना चाहिए, जबकि हरा रंग नीचे. यह एक आम गलती है जो अक्सर लोगों से हो जाती है और यह हमारे राष्ट्रीय ध्वज का अपमान माना जाता है. इसलिए ध्वज को फहराने से पहले उसकी स्थिति को ठीक से जांच लें.

ध्वज के प्रति सम्मान की कमी

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ध्वज के प्रति सम्मान की कमी

ध्वजारोहण के समय राष्ट्रगान गाया जाता है, लेकिन कई बार लोग ध्यान नहीं देते और इधर-उधर की बातें करते रहते हैं. यह ध्वज और राष्ट्रगान दोनों का अपमान है. ध्वजारोहण के समय सभी को सावधान की मुद्रा में खड़े होना चाहिए और पूरी निष्ठा और सम्मान के साथ राष्ट्रगान गाना चाहिए. यह हमारे देश के प्रति सम्मान और गौरव का प्रतीक है.

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