Ram Mandir Pran Pratishtha: अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर (Ram Mandir) की प्राण प्रतिष्ठा होनी है. इस मौके को ऐतिहासिक बनाने के लिए भव्य कार्यक्रम का आयोजन होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर तमाम नेता और हस्तियां इस समारोह (Ram Mandir Pran Pratishtha) में शिरकत करेंगी. अयोध्या में बड़े स्तर पर इसको लेकर तैयारियां चल रही हैं. जान लीजिए कि उत्तर प्रदेश के अमेठी के लिए भी यह एक गर्व का समय है क्योंकि 1742 में अमेठी के महाराजा राजा गुरुदत्त सिंह ने राम जन्मभूमि को मुगलों से आजाद करवाने के लिए लड़ाई लड़ी थी. राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पहले अमेठी के लोग महाराजा राजा गुरुदत्त सिंह को याद कर रहे हैं.
बता दें कि लगभग दो दिन तक चले युद्ध में महाराजा राजा गुरुदत्त सिंह ने नवाब सआदत अली खान को बुरी तरह तरह हराया था और राम जन्मभूमि को खाली करने लिए मजबूर कर दिया था. महाराजा राजा गुरुदत्त सिंह से जंग में मुगलों की सेना पूरी तरह से तहस-नहस हो गई थी, जिसके बाद अयोध्या की राम जन्मभूमि मुगलों के चंगुल से आजाद हो गई थी.
जान लें कि युद्ध जीतने के बाद महाराजा राजा गुरुदत्त सिंह ने अयोध्या में जन्मभूमि के पास राम जानकी मंदिर का निर्माण कराया था जो आज भी मौजूद है. अयोध्या के मंदिर में रोजाना बड़ी संख्या में लोग पूजा-पाठ करते हैं.
बताया जाता है कि महाराजा राजा गुरुदत्त सिंह के परिवार के लोग आज भी जब अयोध्या आते हैं तो राम जानकी मंदिर के दर्शन जरूर करते हैं. अमेठी के लोगों के लिए इस मंदिर के परिसर में रुकने आदि की विशेष व्यवस्था की गई है.
गौरतलब है कि मुगलों के खिलाफ महाराजा राजा गुरुदत्त सिंह का साथ साधू-संतों ने भी दिया था. हालांकि, युद्ध जीतने के बाद महाराजा राजा गुरुदत्त सिंह की मुगलों से दुश्मनी बढ़ती गई, जिसके बाद बौखलाए नवाब ने अमेठी रियासत पर एक बार फिर आक्रमण कर दिया था.
हालांकि, लंबी लड़ाई चली और बाद में महाराजा राजा गुरुदत्त सिंह को अयोध्या छोड़कर रामनगर आना पड़ा. जहां उन्होंने राजमहल की स्थापना की. जो आज भी भूपति भवन के नाम से जाना जाता है.
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