Satguru Ram Singh: आज सिख आध्यात्मिक गुरु सतगुरु राम सिंह की 200वीं जयंती है. बाबा राम सिंह ने अंग्रेजों के खिलाफ कूका आंदोलन शुरू किया था. उनकी जयंती के अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने रमेश नगर के नामधारी गुरुद्वारे में 200 रुपये का स्मारक सिक्का और 10 रुपये का मुद्रा सिक्का जारी किया है.
भैणी साहब गांव में बसंत पंचमी, 3 फरवरी 1816 को जन्मे सतगुरु राम सिंह नामधारी संप्रदाय के संस्थापक हैं. लोगों की उनमें अपार आस्था थी. वे अपने ज्ञान से लोगों को देश सेवा के लिए प्रेरित करते थे. उनके प्रवचनों में खूब भीड़ जुटा करती थी.
बाबा राम सिंह ने एक ओर जहां अंग्रेजों के खिलाफ आवाज उठाई, वहीं सामाजिक बुराइयों को दूर करने में भी अहम भूमिका निभाई. वे लोगों को देश भक्ति, गोरक्षा, अंतरजातीय विवाह, महिला सशक्तीकरण, सामूहिक विवह के लिए जागरुक करते थे. इससे पहले वे कुछ समय तक महाराजा रणजीत सिंह की सेना में भी रहे.
सतगुरु हर साल मकर संक्रांति पर श्री भैणी साहिब में मेला लगाते थे. 1872 की बात है. उस मेले में आ रहे उनके एक शिष्य को कुछ लोगों ने घेर लिया. उसके सामने गोवध किया और उसका मांस शिष्य के मुंह में डाल दिया. गोमाता के प्रति गहरी आस्था रखने वाले बाबा राम सिंह को इस घटना ने बेहद क्रोधित कर दिया. उन्होंने संबंधित लोगों पर हमला बोल दिया. तब अंग्रेजों ने आरोपियों का साथ दिया.
इसके बाद बाबा राम सिंह और उनके अनुयायियों ने अंग्रेजों के खिलाफ कूका आंदोलन शुरू किया. इस युद्ध में कई कूका वीर शहीद हो गए तो कुछ को अंग्रेजों ने गिरफ्तार करके तोप के सामने बांधकर उड़ा दिया. वहीं सतगुरु जी को वर्मा की जेल भेज दिया गया. फिर भी उनके शिष्य उस आंदोलन को चलाते रहे.
आज देश में कई जगह सतगुरु राम सिंह द्वारा संस्थापित नामधारी संप्रदाय के गुरुद्वारे हैं. श्री भैणी साहिब में सतगुरु राम सिंह के चलाए गए नामधारी संप्रदाय का विशाल प्रांगण है और यह स्थान नामधारियों के लिए बेहद पवित्र स्थल है. यहां कूका आंदोलन की याद में पुरानी जेल के पास नामधारी स्मारक बनाया गया है.
सतगुरु राम सिंह की 200वीं जयंती के मौके पर केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने रमेश नगर के नामधारी गुरुद्वारे में 200 रुपये का स्मारक सिक्का और 10 रुपये का मुद्रा सिक्का जारी किया.
ट्रेन्डिंग फोटोज़