Char Dham Yatra: चारधाम यात्रा में उमड़ रही श्रद्धालुओं की अप्रत्याशित भीड़ के मद्देनजर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को कहा कि भविष्य में तीर्थयात्रा के सुचारु संचालन के लिए गंगोत्री और यमुनोत्री में ‘मास्टरप्लान’ बनाया जाएगा.
चारधाम यात्रा में उमड़ रही श्रद्धालुओं की अप्रत्याशित भीड़ के मद्देनजर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को कहा कि भविष्य में तीर्थयात्रा के सुचारु संचालन के लिए गंगोत्री और यमुनोत्री में ‘मास्टरप्लान’ बनाया जाएगा.
चार धामों में श्रद्धालुओं की भारी संख्या के मद्देनजर व्यवस्थाओं की समीक्षा करने के लिए मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बृहस्पतिवार को एक बैठक की और उन्हें महत्वपूर्ण निर्देश दिए. सुबह उन्होंने एक बार फिर अधिकारियों के साथ बैठक की और फिर यमुनोत्री यात्रा का जायजा लेने के लिए उत्तरकाशी के बड़कोट पहुंचे.
जायजा लेने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि ज्यादा संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं और पिछले वर्ष के मुकाबले यह संख्या लगभग दोगुनी हो गयी है जिसके कारण कहीं-कहीं श्रद्धालुओं को रोकना भी पड़ रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘हर वर्ष श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है. धामों की क्षमता से दोगुने लोग आ रहे हैं. निकट भविष्य में हम गंगोत्री और यमुनोत्री क्षेत्र के लिए मास्टर प्लान बनाएंगे जिससे वाहन खड़ा करने सहित सभी प्रकार की समस्याओं का समाधान हो.’’
धामी ने कहा कि मास्टरप्लान के तहत श्रद्धालुओं को वाहन खड़े करने की सुविधा के साथ-साथ सड़कों के बेहतर नेटवर्क की सुविधाएं मिलेंगी. उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा बहुत महत्वपूर्ण है, यह गंगोत्री और यमुनोत्री क्षेत्र के स्थानीय लोगों सहित पूरे उत्तराखंड के लिए जीवनरेखा है. इस दौरान धामी ने बसों तथा अन्य माध्यमों से आ रहे श्रद्धालुओं से बातचीत की तथा यात्रा व्यवस्थाओं के बारे में उनकी प्रतिक्रिया जानी.
उन्होंने एक बार फिर श्रद्धालुओं से बिना पंजीकरण के चारधाम यात्रा पर न आने की अपील की. इस वर्ष चारधाम यात्रा की शुरुआत 10 मई को हुई जब पहले दिन केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुले. इसके दो दिन बाद 12 मई को बदरीनाथ के कपाट खुले. कपाट खुलने के बाद से ही इस बार तीर्थयात्रियों की संख्या नये रिकॉर्ड बना रही है और धामों में अनुमान से कहीं ज्यादा श्रद्धालु आ रहे हैं.
गत वर्ष यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के मौके पर कुल 6,838 श्रद्धालु आए थे जबकि इस वर्ष कपाट खुलने वाले दिन धाम में दोगुने 12,193 यात्री पहुंचे. इसी प्रकार, केदारनाथ धाम में गत वर्ष कपाट खुलने पर 18,335 तीर्थयात्री आए जिनकी संख्या इस वर्ष 75 फीसदी बढ़कर 29,000 हो गयी . ज्यादा श्रद्धालुओं के चारधाम में पहुंचने के कारण शुरू में परेशानियां हुईं.
श्रद्धालुओं के भारी संख्या में पहुंच जाने के कारण यमुनोत्री में प्रशासन को रविवार को तीर्थयात्रियों से एक दिन के लिए अपनी यात्रा स्थगित करने की अपील करनी पड़ी. इससे पहले, अधिकारियों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि बगैर पंजीकरण के आ रहे यात्रियों को लौटाया जाए और परिवहन विभाग इसकी जगह-जगह जांच करे.
उन्होंने कहा कि धामों की क्षमता के लिहाज से ही यात्रियों को भेजा जाए और जहां उन्हें रोकने की आवश्यकता पड़ रही है, वहां उनके लिए भोजन, पानी समेत अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएं. दिशानिर्देश के तहत धामों के 50 मीटर के दायरे में वीडियो बनाना प्रतिबंधित कर दिया गया है. पहले सात दिनों में ही 16 मई तक चार धामों में करीब चार लाख श्रद्धालु दर्शन के लिए आ चुके हैं. इनमें से केदारनाथ में 1,83,677, बदरीनाथ में 57,868, यमुनोत्री में 81,151 तथा गंगोत्री में 75314 श्रद्धालु पहुंचे.
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