Father's Day 2024: आज यानी 16 जून को फादर्स डे मनाया जा रहा है. इस दिन को खास बनाने के लिए आप अपने पिता के साथ बॉलीवुड की ये 7 बेस्ट फिल्में देख सकते हैं. यह फिल्में पिता और बच्चों के बीच के बॉन्ड को अलग-अलग तरह से दिखाती हैं. और साथ ही बहुत सारी सीख भी देकर जाती हैं.
2020 में आई इस फिल्म में इरफान खान और राधिका मदान ने पिता और बेटी की शानदार भूमिका निभाई थी. इस फिल्म में करीना कपूर का भी महत्वपूर्ण रोल था. फिल्म की कहानी एक ऐसे पिता की है, जो अपनी बेटी के सपनों, हंसी और खुशी को पूरा करने के लिए जी-जान लगा देता है. इस फिल्म की कहानी दिल को छू लेने वाली है.
2016 में आई इस बायोपिक ड्रामा में आमिर खान ने पहलवान महावीर फोगाट की भूमिका अदा की थी, जो समाज-रिश्तेदारों की परवाह किए बिना अपनी बेटियाों गीता (फातिमा सना शेख) और बबीता (सान्या मल्होत्रा) को रेसलर बनाने का फैसला लेता है. अपनी बेटियों के टैलेंट के बारे में दुनिया से संदेह का सामना करने के बावजूद महावीर ने उन्हें ट्रेनिंग देने में कोई कसर नहीं छोड़ता और अंत में जब बेटियां देश का नाम रोशन कर मेडल जीतती हैं तो पूरी दुनिया का मुंह बंद हो जाता है.
एक कैब कंपनी के मालिक राणा (इरफान खान), भास्कर (अमिताभ बच्चन) और उनकी बेटी पीकू (दीपिका पादुकोण) के साथ एक रोड ट्रिप पर जाते हैं, जहां इन तीनों की कहानी ने दर्शकों के दिलों को छू लिया. फिल्म वृद्ध माता-पिता और उनके वयस्क बच्चों के आधुनिक युग के रिश्तों को खूबसूरती से दर्शाती है.
2019 में आई फिल्म में दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत को एक लापरवाह कॉलेज छात्र के रूप में चित्रित किया गया है, जो एक जिम्मेदार पिता के रूप में गहन परिवर्तन से गुजरता है. यह परिवर्तन तब होता है, जब उनका बेटा राघव (मोहम्मद समद द्वारा अभिनीत) असफल देखे जाने के डर से आत्महत्या का प्रयास करता है. यह इस महत्वपूर्ण क्षण में है कि सुशांत का चरित्र राघव का मार्गदर्शक बन जाता है.
2010 में आई इस फिल्म का निर्देशन विक्रमादित्य मोटवानी ने किया है. बोर्डिंग स्कूल से निकाले जाने के बाद रोहन (रजत बरमेचा) अपने सख्त और समझौता न करने वाले पिता (रोनित रॉय) और 6 वर्षीय सौतेले भाई अर्जुन (अयान बोराडिया) के पास घर लौट आता है, जिसके बारे में किसी ने भी उसे नहीं बताया होता. रोहन के पिता चाहते हैं कि वह इंजीनियरिंग की क्लासेस लें, लेकिन रोहन सिर्फ एक लेखक बनना चाहता है.
1983 में आई फिल्म को शेखर कपूर ने डायरेक्ट किया था. इस फिल्म में नसीरुद्दीन शाह, शबाना आजमी, सुप्रिया पाठक, उर्मिला मातोंडर, जुगल हंसराज मुख्. भूमिका में थे. फिल्म में देवेन्द्र कुमार का पारिवारिक जीवन तब अस्त-व्यस्त हो जाता है, जब उसे पता चलता है कि उसके पिछले संबंध से एक नाजायज बच्चा है. वह अपने बेटे राहुल को घर लाता है, लेकिन उसकी पत्नी इंदु राहुल को शुरुआत में स्वीकार करने में विफल रहती है.
2005 में आई इस फिल्म में अमिताभ बच्चन ने पिता और अक्षय कुमार ने बेटे की भूमिका निभाई थी. ईश्वर चंद्र ठाकुर अपनी पत्नी सुमित्रा और बेटे आदिया के साथ संतुष्ट होकर अच्छा जीवन जी रहे हैं. एक चीज है, जो धीरे-धीरे ईश्वर को परेशान करती है कि उसके बेटे का आलस और अपने पिता पर निर्भरता. जब आदिया अपने पिता के दुश्मन की बेटी से शादी करता है तो ईश्वर अपने बेटे को उस गरीबी का सबक सिखाने का फैसला करता है, जिसे उन्होंने खुद अनुभव किया था.
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