नौ महीने की प्रेग्नेंसी किसी रोलर कोस्टर से कम नहीं है. प्रेग्नेंसी के साथ ही मां बनने ही जर्नी शुरू होती है. मां और उसके गर्भ में पल रहा बच्चा सेहतमंद रहे, इसके लिए उसका खानपान भी अच्छा होना जरूरी है. इस दौरान खूब सारी सब्जियां और फल खाने चाहिए. लेकिन कुछ ऐसी भी चीजें हैं, जिन्हें प्रेग्नेंसी में खाने से मिसकैरिज का खतरा हो सकता है.
प्रेग्नेंसी के दौरान कुछ चीजों को खाने से मना किया जाता है. डॉक्टर ही नहीं, घर के बड़े बूढ़े भी प्रेग्नेंसी के दौरान कुछ चीजों को खाने से मना करते हैं. यहां हमने उन 9 खाने की चीजों (foods that must be avoided during pregnancy) के बारे में बताया है, जिसे प्रेग्नेंसी के दौरान खाने से गर्भपात का खतरा हो सकता है.
ना केवल प्रेग्नेंट महिलाओं को, बल्कि किसी भी व्यक्ति को अंकुरित आलू नहीं खाने चाहिए. अंकुरित आलू में कई टॉक्सिन पाए जाते हैं जो मां और बच्चे दोनों को नुकसान पहुंचा सकते हैं. अंकुरित आलू में सोलानिन पाया जाता है, जो बच्चे के ग्रोथ के लिए खतरनाक हो सकता है.
प्रेग्नेंट महिलाओं को एलोवेरा या उससे बनी कोई भी चीज नहीं खानी या पीनी चाहिए. क्योंकि इससे पेल्विक रक्तस्राव हो सकता है जो आगे चलकर गर्भपात का कारण बन सकता है. प्रेग्नेंसी के पहले तीन महीने के दौरान एलोवेरा से बने किसी भी प्रोडक्ट से दूर रहना ही अच्छा है.
हालांकि जानवरों का लिवर पौष्टिक होता है, लेकिन अगर लिवर किसी संक्रमित या बीमार जानवर का है तो यह प्रेग्नेंट महिलाओं को नुकसान पहुंचा सकता है. क्योंकि इसमें टॉक्सिन होते हैं जो मां और बच्चे दोनों के लिए नुकसानदेह हैं. लिवर में विटामिन ए और कोलेस्ट्रॉल भी उच्च मात्रा में होता है. इसलिए फीटस पर इसका खराब असर होता है और यह गर्भपात का कारण बन सकता है.
प्रेग्नेंट लेडीज को कच्चा दूध या अनपॉस्वचराइज्ड दूध नहीं पीना चाहिए. इससे फूड प्वाइजनिंग हो सकती है.
प्रेग्नेंसी में कच्चा या कम पका खाना खाने से बचना चाहिए. खासतौर से कच्चे अंडे का सेवन बिल्कुल ना करें. मेओनीज में अक्सर कच्चा अंडा यूज किया जाता है. इसे खाने से बचें. प्रेग्नेंसी में अंडा हेल्दी होता है, लेकिन वह अच्छी तरह पका होना चाहिए. आधा पका या पोच अंडा बिल्कुल न खाएं. इससे प्रेग्नेंसी के दौरान फूड प्वॉइजनिंग और साल्मोनेला हो सकते हैं, जो मिस्कैरिज की वजह बन सकते हैं.
स्मोक्ड और रेफ्रिजरेटेड सीफूड (आमतौर पर नोवा या लोक्स के रूप में लेबल किया जाता है) से बचना चाहिए क्योंकि ये लिस्टेरिया से दूषित हो सकता है. लिस्टेरिया इंफेक्शन के कारण गर्भपात हो सकता है.
सबसे खतरनाक खाने की चीज, जो प्रेग्नेंसी के शुरुआती दौर में मिसकैरिज का कारण बन सकता है वह है सहजन. यह गर्भवती महिलाओं के लिए हानिकारक है क्योंकि सहजन के पेड़ में अल्फा-सिटोस्टेरॉल होता है, जिसमें एस्ट्रोजन जैसी संरचना होती है और यह गर्भपात का कारण बन सकती है.
अनानास का जूस आमतौर पर प्रसव के समय इस्तेमाल किया जाता है ताकि प्रक्रिया तेज और आसान हो जाए. अनानास में ब्रोमेलैन होता है, जो गर्भाशय की मांसपेशियों को चिकना बना देता है और इसलिए प्रेग्नेंसी के शुरुआती दिनों में अगर ज्यादा अनानास खाया जाए तो ये गर्भपात का कारण बन सकता है. इसलिए घर के बड़े बुजुर्ग गर्भावस्था के पहले तीन महीनों के दौरान इसका सेवन करने से मना करती हैं.
खासतौर से हरा पपीता प्रेग्नेंसी में नहीं खाना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि इससे मिसकैरिज होने के चांस ज्यादा होते हैं. दरअसल, ऐसा इसलिए कहा जाता है, क्योंकि हरे पपीते में एक खास तरह का एंजाइम पाया जाता है जो गर्भाशय में संकुचन (uterine contractions) पैदा कर सकता है, जो मिसकैरिज का कारण बन जाता है.
यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
ट्रेन्डिंग फोटोज़