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₹350 लाख अरब के साथ भारत का बढ़ा रुतबा, हॉन्ग कॉन्ग को पछाड़ बना चौथा बड़ा स्टॉक मार्केट, टेंशन में चीन

भारत के शेयर बाजार ने बड़ी कामयाबी हासिल की है. भारत का स्टॉक मार्केट दुनिया का चौथा सबसे बड़ा शेयर बाजार बन गया है. भारत ने हॉन्ग कॉन्ग को पछाड़कर दुनिया के बड़े शेयर बाजारों में चौथा स्थान हासिल कर लिया है.

भारत का बढ़ा रुतबा

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 भारत का बढ़ा रुतबा

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक भारत स्टॉक एक्सचेंजों में लिस्टेड शेयरों की कंबाइंड वैल्यू 4.33 ट्रिलियन डॉलर यानी 35,98,45,29,95,00,000 रुपये यानी 350 लाख अरब रुपये पर पहुंच गया है.  इस वैल्यू के साथ भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा इक्विटी मार्केट बन गया है.  भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रही इकोनॉमी बन गया है. निवेशकों का रुझान भारतीय शेयर बाजार की ओर बढ़ रहा है. विदेशी निवेशक भी भारतीय स्टॉक्स मार्केट में निवेश कर रहे हैं. 

भारत के आगे कौन?

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 भारत के आगे कौन?

दुनिया के टॉप शेयर बाजार की बात करें तो उससे ऊपर अमेरिका, चीन और जापान है. चौथे नंबर पर हॉन्ग कॉन्ग था, जिसे भारत से पछाड़ दिया है. हॉन्ग कॉन्ग को पीछे छोड़कर अब भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा शेयर मार्केट बढ़ गया है. हॉन्ग कॉन्ग की बात करें तो उसके शेयर बाजार का कंबाइंड कैपिटेलाइजेश 4.29 ट्रिलियन डॉलर रह गया. वहीं दुनिया के सबसे बड़े मार्केट अमेरिका के स्टॉक मार्केट की टोटल वैल्यू 50.86 ट्रिलियन डॉलर है. दूसरे नंबर पर चीन है, जिसके मार्केट का कुल वैल्यू 8.44 ट्रिलियन डॉलर है. तीसरे नंबर पर जापान है, जिसका कुल वैल्यू  6.36 ट्रिलियन है.  

चीन डूबा रहा हॉन्ग कॉन्ग की नैया

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 चीन डूबा रहा हॉन्ग कॉन्ग की नैया

चीन को आर्थिक मोर्चे पर कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, जिसके कारण उसकी अर्थव्यवस्था और उसकी इकोनॉमी पर असर पड़ा है. अमेरिकी निवेशक चीन से अपना निवेश कम कर रहे हैं. वहीं ग्लोबल इन्वेस्टर्स को उम्मीद थी कि कोरोना की पाबंदियां हटने के बाद चीन की अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ेगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. मंदी की चपेट में फंसा चीन अपनी इकोनॉमी को संभाल नहीं पा रहा है. चीन की रियल एस्टेट कंपनियों ने हॉन्ग कॉन्ग के विदेशी निवेशकों से जमकर लोन ले रखा है. अब वो कंपनियां लोन चुकाने में असमर्थ हो रही है. कंपनियां दिवालिया हो रही है. जिसका असर हॉन्ग कॉन्ग पर भी दिखने लगा है. वहीं हॉन्ग कॉन्ग में चीन की कई प्रभावशाली और टेक कंपनियां लिस्टेड हैं. ऐसे में गिरते बाजार ने चीन की टेंशन को बढ़ा दिया है.  

 

क्यों बढ़ रहा भारत का बाजार

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 क्यों बढ़ रहा भारत का बाजार

भारत की अर्थव्यवस्था तेज रफ्तार से बढ़ रही है. जिसका असर शेयर बाजार पर भी देखने को मिल रहा है. इतना ही नहीं निवेशकों को उम्मीद है कि केंद्रीय बैंकों के ब्याज दरों में कटौती हो सकती है. वहीं एक फरवरी को पेश होने वाले अंतरिम बजट की घोषणाओं पर भी उकी नजर है. विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत से भी निवेशकों का भरोसा बढ़ा है. वहीं निवेशकों को उम्मीद है कि लोकसभा चुनाव में एनडीए की लगातार तीसरी जीत हो सकती है. उन्हें उम्मीद है कि एनडीए की सरकार बनने से देश की इकोनॉमी में और तेजी आएगी.  इन सब संभावनाओं के चलते भारत का शेयर बाजार तेजी से बढ़ रहा है. 

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