India's Nuclear Triad: भारत ने सोमवार को कई वारहेड्स के साथ अग्नि-5 मिसाइल का सफल टेस्ट किया. 5,000 किलोमीटर से ज्यादा लंबी रेंज वाली अग्नि-5 को MIRV (multiple independently targetable re-entry vehicle) तकनीक से लैस किया गया है. MIRV पेलोड का मतलब है कि एक ही मिसाइल कई न्यूक्लियर वारहेड्स ले जाती है. हर वारहेड को अलग-अलग टारगेट हिट करने के लिए प्रोग्राम किया जा सकता है. MIRV मिसाइलें दुश्मन को चकमा देने के लिए असली वारहेड के साथ-साथ डीकॉय भी ले जा सकती हैं. MIRV से लैस अग्नि-5 के पहले फ्लाइट टेस्ट को 'मिशन दिव्यास्त्र' नाम दिया गया. भारत दुनिया के उन गिने-चुने देशों में शामिल है जिसके पास न्यूक्लियर तिकड़ी है. मतलब जमीन, हवा और समुद्र के जरिए न्यूक्लियर हथियार दागने की क्षमता है. भारत के अलावा अमेरिका, रूस, फ्रांस और चीन न्यूक्लियर तिकड़ी मेंटेन करते हैं. चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसियों को काबू में रखने के लिए न्यूक्लियर तिकड़ी बड़े काम आती है.
भारत के पास पृथ्वी-2 (रेंज 350 KM), अग्नि-1 (700 KM), अग्नि-2 (2000 KM), अग्नि-3 (3000 KM) और अग्नि-5 (5000 KM से ज्यादा) मिसाइलें हैं. इन्हें जमीन से दागा जा सकता है.
भारत के पास सुखोई-30 MKI, मिराज-2000, जगुआर और राफेल जैसे लड़ाकू विमान हैं. इनके जरिए न्यूक्लियर ग्रेविटी बम को दुश्मन पर दागा जा सकता है.
भारत के पास अभी केवल एक न्यूक्लियर-पावर्ड बैलिस्टिक मिसाइल सबमरीन (SSBN) - INS अरिहंत - है. 6000 टन वजनी यह पनडुब्बी 750 किलोमीटर रेंज वाली K-15 परमाणु मिसाइलों से लैस है. इसके अलावा, 6000 टन का INS अरिघाट भी फाइनल ट्रायल से गुजर रहा है. साल के अंत तक वह भी नौसेना का हिस्सा बन जाएगा. भारत 7-7 हजार टन के दो SSBN और बना रहा है. 3,500 किलोमीटर रेंज वाली K-4 मिसाइलों का डेवलपमेंट ट्रायल पूरा हो चुका है. K-5 और K-6 मिसाइलों पर काम जारी है.
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