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Photos: अमरनाथ ही नहीं, घूम लें कश्मीर की ये 7 अछूती जगहें; वापस आने का मन नहीं करेगा

Kashmir Temple Photos: आप अमरनाथ यात्रा या सामान्य तौर पर घूमने के लिए कश्मीर तो कई बार गए होंगे लेकिन क्या आपने कश्मीर की वे 7 अछूती जगहें देखी हैं, जो सनातन संस्कृति और गौरव को लंबे समय से अपने अंदर समेटे हुए है. आज हम उन जगहों के बारे में विस्तार से बता रहे हैं. 

 

मार्तंड सूर्य मंदिर

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मार्तंड सूर्य मंदिर

मार्तंड सूर्य मंदिर (Martand Sun Temple) अनंतनाग ज़िले के मट्टन नगर के पास बना हुआ हिंदू मंदिर है. इसका निर्माण 8वीं सदी में करकोट वंश ललितादित्य ने करवाया था. यह सूर्य देवता को समर्पित देश का इकलौता मंदिर है. 15वीं सदी में कश्मीर की सत्ता पर बैठे कट्टरपंथी शासक सिकंदर ने लोगों को जबरन इस्लाम में कनवर्ट करवाने के लिए इस मंदिर को नष्ट कर दिया था. इस मंदिर के अवशेष आज भी वहां पर देखे जा सकते हैं. 

 

शंकराचार्य मंदिर

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शंकराचार्य मंदिर

भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर करीब 1 हजार फुट की ऊंचाई पर शंकराचार्य पहाड़ी पर बना हुआ है. आदिगुरू शंकराचार्य ने इस मंदिर की स्थापना की थी. यहां का शांत और मनमोहक नजारा देख हर कोई मंत्रमुग्ध हो जाते हैं. आप इस मंदिर से पूरी कश्मीर घाटी को निहार सकते हैं. इस मंदिर तक जाने के लिए 250 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं. इस जगह पर फोटोग्राफी वर्जित है.

 

पन्द्रेथन मंदिर

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पन्द्रेथन मंदिर

श्रीनगर से करीब 5 किमी की दूरी पर यह मंदिर भी भगवान शिव को समर्पित है. यह मंदिर अपनी प्राचीन वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है. इस मंदिर की छत अपने आप में खास है, जिसे चट्टान के एक टुकड़े से उकेरा गया है. यह मंदिर झेलम नदी के उत्तर में है और एक जलकुंड से घिरा हुआ है. इस मंदिर की आकृति पिरामिड के आकार की है. 

 

मां ज्वाला मंदिर

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मां ज्वाला मंदिर

श्रीनगर से करीब 20 किलोमीटर दूर यह मंदिर जबरवान पर्वत श्रृंखला पर बना है. वहां तक पहुंचने के लिए 350 पत्थर की सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं.  यह मंदिर देवी ज्वाला (अग्नि) को समर्पित है. काफी कश्मीरी मां ज्वाला को अपनी इष्ट देवी भी मानते हैं. इस मंदिर में हर साल जून- जुलाई के महीने में एक मेला आयोजित किया जाता है. आतंकी घटनाओं के बावजूद यह मंदिर अब तक सुरक्षित बचा हुआ है. 

शारिका देवी मंदिर

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शारिका देवी मंदिर

शारिका देवी मंदिर हरि पर्वत पर बना हुआ है. देवी शारिका 18 भुजाओं वाली देवी जगदम्बा का रूप हैं. हर साल शारिका जयंती पर यहां बड़ी मात्रा में श्रद्धालु इकट्ठे होते हैं और भजन-कीर्तन के साथ हवन करते हैं. इसके साथ ही नवरात्रों में भी यहां बहुत चहल-पहल रहती है. यह मंदिर रोजाना सुबह 9 से शाम 5 बजे तक खुला रहता है. हालांकि इस मंदिर में प्रवेश के लिए पर्यटन विभाग के पास की जरूरत होती है. 

 

खीर भवानी मंदिर

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खीर भवानी मंदिर

यह मंदिर श्रीनगर से 14 मील दूर गांदरबल जिले में तुला-मुला नाम की जगह पर बना हुआ है. इस मंदिर के चारों ओर झरना है, जिसके बारे में मान्यता है कि उसका रंग अपने आप रंग बदलता रहता है. इसके बदलते रंग के आधार पर लोग भविष्य का अंदाजा लगाते हैं. बसंत ऋतु में इस मंदिर में बहुत चहल-पहल रहती है. यहां पर हिंदुओं के साथ ह सिख श्रद्धालु भी माथा टेकने के लिए आते हैं. 

 

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