Lok Sabha Chunav 2024: वर्ष 2024 में चुनाव से पहले नेताओं ने सियासी नफा नुकसान के हिसाब से अपना पाला बदल लिया है. लेकिन सवाल है कि क्या जनता भी अपने चहेते नेताओं के इस दल-बदल को अपना पाएगी या उन्हें विदा कर देगी.
चुनावी मौसम में हृदय परिवर्तन कोई नई बात नहीं है. नेताओं को जहां फायदा दिखता है..जहां सियासी भविष्य सुरक्षित नज़र आता है. उस तरफ झुकाव भी राजनीतिक दांवपेच का हिस्सा माना जाता है. 2024 लोकसभा चुनाव से पहले भी पाला बदलने का लंबा खेल चला. इस खेल में सबसे ज्यादा फायदे में बीजेपी नजर आई वहीं सबसे ज्यादा नुकसान बीएसपी को हुआ.
बीएसपी के लोकसभा में 10 सांसद थे, जिनमें से 6 सांसदों ने पार्टी छोड़ दी. इनमें से 2 सांसदों ने बीजेपी ज्वाइन की, 2 सांसद सपा के साथ आ गए. जबकि 1 सांसद आरएलडी और 1 कांग्रेस में शामिल हो गए. चुनाव से पहले दलबदल के खेल में सबसे ज्यादा फायदे में बीजेपी रही. कांग्रेस के कई प्रवक्ताओं के साथ साथ कई सांसदों ने भी बीजेपी का दामन थाम लिया.
पंजाब से कांग्रेस को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ. पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी परनीत कौर बीजेपी में शामिल हुईं. लुधियाना से कांग्रेस सांसद रवनीत बिट्टू भी भाजपाई हो गए. सेंध आम आदमी पार्टी में भी लगी..जहां जालंधर से आप के इकलौते सांसद सुशील कुमार रिंकू ने भी बीजेपी का दामन थाम लिया.
कई निर्दलीय सांसदों ने भी बीजेपी का रुख कर लिया..इसमें सबसे अहम नाम है अमरावती से सांसद नवनीत राणा का. जो लगातार उद्धव ठाकरे पर मुखर रहीं और चुनाव से पहले बीजेपी ज्वाइन की बीजेपी ने उनको अमरावती से उम्मीदवार भी बनाया है. इसके अलावा कर्नाटक के मांड्या से सांसद रहीं सुमलता अंबरीश ने भी बीजेपी ज्वाइन कर ली.
झारखंड में पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा भी कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आ गईं. बीजेपी ने सिंहभूम लोकसभा सीट से गीता कोड़ा को अपना प्रत्याशी बनाया है. बीजद के अनुभवी सांसद महताब बीजेपी में शामिल हुए थे. बीजद छोड़ने वाले महताब अब कटक से भाजपा के प्रत्याशी हैं. वैसे ऐसा भी नहीं कि बीजेपी को किसी ने अलविदा नहीं कहा.
बिहार के मुजफ्फरपुर से मौजूदा सांसद अजय कुमार निषाद बीजेपी का टिकट नहीं मिलने पर कांग्रेस में शामिल हो गए. कांग्रेस ने उन्हें मुजफ्फरपुर से अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया. हरियाणा के दिग्गज नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह के बेटे और बीजेपी से हिसार के सांसद बृजेंद्र सिंह बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए. हालांकि कांग्रेस से भी उनको टिकट नहीं मिला.
चूरू लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद राहुल कास्वां ने टिकट कटने के बाद बीजेपी छोड़ कांग्रेस ज्वाइन कर ली. कांग्रेस ने उनको चुरू से उम्मीदवार बनाया है. कर्नाटक में कोप्पल से बीजेपी सांसद संगन्ना कराडी कांग्रेस में शामिल हो गए. महाराष्ट्र के जलगांव से बीजेपी सांसद उन्मेश पाटिल भी शिवसेना यूबीटी में शामिल हो गए. फिलहाल दलदबल करने वाले इन नेताओं का फैसला कितना सही है और कितना गलत इसका फैसला चुनाव के नतीजे बताएंगे.
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