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Lok Sabha Election Voting: आज ईवीएम में कैद होगी केंद्रीय मंत्रियों समेत इन दिग्गजों की किस्मत

Lok Sabha Chunav 2024 Voting Live Updates: लोकसभा चुनाव के पहले चरण में आज 21 राज्यों और केंद्रीय शासित प्रदेशों के मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं. आज 102 सीटों पर वोटिंग हो रही है, उसमें मोदी कैबिनेट के कई मंत्रियों समेत अन्य दलों के दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. कुछ VVIP सीटों और पॉलिटिक्स के हैवीवेट उम्मीदवारों की बात करें नागपुर, अलवर, मुज्जफनगर, सहारनपुर, कैराना, पीलीभीत, अरुणाचल वेस्ट, डिबरुगढ़, जोरहट, जयपुर, छिंदवाड़ा, जमुई, बस्तर, नैनीताल  कन्याकुमारी, चेन्नई सेंट्रल और लक्षद्वीप आदि शामिल हैं. कौन-कौन लड़ रहा है इन सीटों पर आइए डालते हैं एक नजर.

दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर

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दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर

लोकतंत्र के सबसे बड़े उत्सव के रंग से पूरा देश सरोबार हो रहा है. लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए मतदाता अपनी ताकत का इस्तेमाल कर रहे हैं. इस चरण में आठ केंद्रीय मंत्री, दो पूर्व मुख्यमंत्री और एक पूर्व राज्यपाल भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. पूरब से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक की इन सीटों पर रोमांचक मुकाबला है. हर सीट की अपनी अलग कहानी है. 102 सीटों में तमिलनाडु की सभी 39, उत्तराखंड की सभी 5, राजस्थान की 12, UP की 8, MP की 6, महाराष्ट्र की 5, असम-बिहार की 4-4, पश्चिम बंगाल की 3, मणिपुर, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश की 2-2, वहीं छत्तीसगढ़, मिजोरम और त्रिपुरा की 1-1 सीट शामिल है.

चंद्रशेखर और जितिन प्रसाद

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चंद्रशेखर और जितिन प्रसाद

यूपी में पहले चरण में आठ सीटों पर वोटिंग हो रही है. इन सीटों पर बड़े-बड़े खानदानी दिग्गजों और अपने दम पर सत्ता के शिखर पर पहुंचे हैवीवेट चैंपियनों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. ऐसे नामों में एक तरफ पीलीभीत से जितिन प्रसाद चुनावी मैदान में हैं. तो यूपी की नगीना सीट से चंद्रशेखर रावण सियासी अखाड़े में ताल ठोक रहे हैं. चंद्रशेखर आजाद निर्दलीय चुनाव लड़ रहे है. वहीं 2022 के UP चुनाव से पहले BJP में शामिल होने के 2 साल बाद, जितिन प्रसाद को पीलीभीत से टिकट मिला है. उनको BJP के मौजूदा सांसद वरुण गांधी से रिप्लेस किया गया है. कभी राहुल गांधी के खासमखास प्रसाद ने 2004 और 2009 के लोकसभा चुनावों में जीत हासिल की, लेकिन 2014 और 2019 की मोदी लहर में उन्हें हार मिली. BJP में शामिल होने के बाद, उन्हें योगी सरकार में मंत्री बनाया गया. ब्राह्मण नेता का मुकाबला समाजवादी पार्टी के पांच बार के विधायक और पूर्व मंत्री भगवत सरन गंगवार से है.

नितिन गडकरी-संजीव बालियान

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नितिन गडकरी-संजीव बालियान

नागपुर में BJP के मातृ संगठन RSS का गढ़ है. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी अपनी परंपरागत नागपुर सीट से एक बार फिर से चुनाव मैदान में हैं. गडकरी 2019 में भी यहीं से जीते थे. तब उन्होंने नाना पटोले (Nana Patole) को हराया था. इस बार उनका मुकाबला कांग्रेस के विकास ठाकरे से है. BJP के कद्दावर नेता और देश के सबसे लंबे समय तक सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री रहे गडकरी नागपुर से हैट्रिक बनाने की कोशिश कर करेंगे. 2019 में नागपुर लोकसभा सीट पर 54.94% मतदान हुआ था. वहीं उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से आने वाले पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री संजीव बालियान चुनावी ताल ठोक रहे हैं. उनका मुकाबला SP के हरेंद्र मलिक और BSP के दारा सिंह प्रजापति से है. बालियान मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से हैट्रिक लगाने की तैयारी में जुटे हैं.

के अन्नामलाई

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के अन्नामलाई

इस लोकसभा चुनाव में BJP के सबसे ज्यादा चर्चित उम्मीदवारों में से एक हैं. K.अन्नामलाई,  तमिलनाडु के पार्टी प्रमुख हैं. वो पूर्व IPS अफसर हैं. 2019 में उन्होंने सियासत में आने के लिए अपना त्यागपत्र दे दिया था. वो इंजीनियरिंग ग्रेजुएट हैं. IIM-लखनऊ से MBA कर चुके हैं. DMK ने कोयंबटूर में अन्नामलाई को टक्कर देने के लिए गणपति पी राजकुमार को उतारा है. पुलिस महकमें में उनकी छवि 'सिंघम' जैसी है. वो जहां जाते उनके तबादले के विरोध में भारी हुजूम सड़कों पर उतर आता था. 26 जुलाई 2016, को कर्नाटक के उडुपी ज़िले के पुलिस मुख्यालय के बाहर आम लोगों ने विशाल प्रदर्शन किया था वो प्रदर्शन तत्कालीन SP अन्‍नामलाई के समर्थन और उनके तबादले के विरोध में था. दोबारा ऐसा ही नजारा 16 अक्टूबर 2018 को चिकमंगलूर पुलिस मुख्यालय के बाहर दिखा था उस वक्त भी अपने चहेते SP के समर्थन और उनके तबादले के विरोध में लोग सड़कों पर उतर आए थे. उन लोगों का कहना था कि ऐसा ईमानदार अफ़सर मिलना मुश्किल है.

भूपेंद्र यादव, सर्वानंद सोनोवाल और किरण रिजिजू

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भूपेंद्र यादव, सर्वानंद सोनोवाल और किरण रिजिजू

राजस्थान की अलवर लोकसभा सीट से बीजेपी ने दिग्गज नेता और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव चुनाव लड़ रहे हैं. यहां से पिछले चुनाव में बीजेपी के टिकट पर बाबा बालकनाथ ने जीत हासिल की थी लेकिन उन्होंने विधानसभा चुनाव भी लड़ा और वो अब विधायक हैं. असम के 14 निर्वाचन क्षेत्रों में से डिब्रूगढ़ सबसे चर्चित सीटों में से एक है. यहां पूर्व केंद्रीय मंत्री और असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और असम जातीय परिषद के लुरिनज्योति के बीच चुनावी मुकाबला है. असम के पूर्व मुख्यमंत्री, सोनोवाल मौजूदा राज्यसभा सांसद हैं. उनका मुकाबला असम जातीय परिषद के लुरिनज्योति गोगोई से है, जिन्हें इंडिया एलायंस का समर्थन प्राप्त है. असम में CAA विरोधी आंदोलन का प्रमुख चेहरा गोगोई और सोनोवाल के प्रतिद्वंद्वी, AASU यानी ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन के साथ बतौर छात्र नेता अपना सियासी करियर शुरू किया था. वहीं नॉर्थ ईस्ट से मोदी सरकार के एक और मंत्री किरेन रिजिजू एक बार फिर से अरुणाचल पश्चिम सीट से चुनावी समरमें हैं. वो 2019 में भी यहां से जीते थे. इस बार उनकी टक्कर कांग्रेस कैंडिडेट और पूर्व CM नबाम तुकी है. 2019 में अरुणाचल पश्चिम सीट पर 78.50% मतदान हुआ था। 

अर्जुन राम मेघवाल, राहुल कस्वां और जीतन राम मांझी

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अर्जुन राम मेघवाल, राहुल कस्वां और जीतन राम मांझी

मोदी सरकार में केंद्रीय कानून मंत्री मेघवाल बीकानेर से चुनावी मैदान में है. आज उनकी भी अग्निपरीक्षा हो रही है. बीकानेर में पिछली बार भी इन्हें जीत मिली थी. उनका मुकाबला कांग्रेस पार्टी के गोविंद राम मेघवाल से हैं. 2019 में यहां 62 % पोलिंग हुई थी. इस फोटो में बीच में दिख रहे नेता राहुल कस्वा हैं. राजस्थान की चुरू जिले से लंबे समय तक बीजेपी के सिपाही और सांसद रहे राहुल कस्वा इस बार बागी बनकर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. वो गली-गली में घूम-घूमकर राजेंद्र राठौड़ को कोसते हुए उन्हें टिकट कटने की वजह बता रहे हैं. तीसरे हैवीवेट कैंडिडेट बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी हैं. हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) सुप्रीमो मांझी बिहार की गया सीट से NDA कैंडिडेट हैं. 2019 में यहां से JDU के विजय कुमार जीते थे. 2024 में मांझी के सामने RJD के कुमार सर्वजीत हैं. 2019 में गया सीट पर 58 फीसदी वोट पड़े थे.

त्रिवेंद सिंह रावत, नकुल नाथ, मिलिसाई सुंदरराजन और कनिमोई

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त्रिवेंद सिंह रावत, नकुल नाथ, मिलिसाई सुंदरराजन और कनिमोई

फोटो में बाएं से पहले दिख रहे माननीय उत्तरखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत हैं. हरिद्वार सीट से बीजेपी उम्मीदवार हैं. बीते लोकसभा चुनाव में यहां से रमेश पोखरियाल 'निशंक' सांसद बने थे. त्रिवेंद्र रावत का मुकाबला कांग्रेस के प्रत्याशी वीरेंद्र रावत से है. पिछले चुनाव में हरिद्वार सीट पर 71.5 फीसदी वोट पड़े थे. उनके बगल में फोटो है कमलनाथ के लाल नकुल नाथ की. वो एक बार फिर छिंदवाड़ा सीट से कांग्रेस के टिकट पर हैं. 2019 में भी नकुल ही जीते थे. आज उनके सामने बीजेपी के बंटी साहू हैं. 2019 के चुनाव में छिंदवाड़ा सीट पर करीब 86 फीसदी वोटिंग हुई थी. उनके बगल में फोटो है मिलिसाई सुंदरराजन की. वो कुछ महीने पहले तक तेलंगाना की राज्यपाल थीं. तमिलिसाई इस चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रही हैं. वो बीजेपी के टिकट पर तमिलनाडु की चेन्नई दक्षिण सीट से चुनाव मैदान में हैं. पिछली लोकसभा चुनाव में यहां डीएमके के टी. सुमति की जीत हुई थी. 2024 के चुनाव में तमिलिसाई सुंदरराजन के सामने डीएमके से टी सुमति और अन्नाद्रमुक से डॉ. जे जयवर्धन हैं. सबसे आखिर में दाहिनी तरफ से पहली तस्वीर कनिमोझी की है. DMK की उप महासचिव कनिमोझी के सामने सबसे बड़ी चुनौती ये है कि क्या वो अपने दम पर तूतीकोरिन में डीएमके की वापसी करा पाएंगी?

 

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