सनातन धर्म में महाशिवरात्रि का पर्व बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है. भोलेनाथ की पूजा करने और नियमित जल अर्पित करने से भक्तों के जीवन में दुखों का नाश होता है. महादेव प्रसन्न होकर भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा के दौरान कुछ चीजों का खास ध्यान रखना आपकी किस्मत चमका सकता है. जानें शिवलिंग पर किन 5 चीजों को अर्पित करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शिवलिंग पर विधिपूर्वक धतूरा अर्पित करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव की गर्मी को शांत करने के लिए देवताओं ने महादेव को धतूरा अर्पित किया था, जिसके बाद वे होश में आ गए थे. तब से ही भगवान शिव की पूजा में धतूरा अर्पित किया जाता है. ऐसे में महाशिवरात्रि के खास मौके पर भी शिवलिंग पर धतूरा अर्पित करना शुभ माना जाता है.
भगवान शिव की कृपा पाने और उन्हें प्रसन्न करने के लिए भक्त शिवलिंग पर कई तरह की चीजें अर्पित करते हैं. बता दें कि आप महाशिवरात्रि पर भगवान शिव को शहद भी अर्पित कर सकते हैं. मान्यता है कि जो भी व्यक्ति सच्चे मन से भगवान शिव को शहद अर्पित करता है, भगवान शिव उससे प्रसन्न होकर उसे सौंदर्य प्राप्ति को वरदान देते हैं. साथ ही, मीठी वाणी का आशीर्वाद भी प्रदान करते हैं.
ऐसी मान्यता है कि बेलपत्र में भगवान शिव, मां पार्वती और मां लक्ष्मी का वास होता है. बेलपत्र को लेकर मान्यता है कि बेलपत्र के तीन जुड़े हुए पत्ते शिवलिंग पर अर्पित करने से भगवान शिव को ठंडक मिलती है और भक्तों को असीम कृपा प्राप्त होती है. बता दें कि बेलपत्र के इन तीन पत्तों को बेलपत्र कहा जाता है, जो कि महादेव के त्रिशूल का प्रतिनिधित्व करते हैं.
शमी के पौधे को लेकर मान्यता है कि शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए इसे घर के आंगन में लगाया जाता है. या फिर शनि देव को अर्पित किया जाता है. बता दें कि इसे अर्पित करने से शनि देव के साथ भगवान शिव भी प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर कृपा बरसाते हैं. जो भी भक्त शिवलिंग पर शमी का पत्ता अर्पित करता है, भगवान शिव उनसे प्रसन्न हो जाते हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. इसके साथ ही सौभाग्य प्राप्ति होती है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भगवान शिव को लाल केसर अर्पित किया जा सकता है. महाशिवरात्रि इसके लिए बेहद शुभ दिन माना जाता है. बता दें कि लाल केसर भक्तों की भक्ति और आत्मा की शुद्धता का प्रतीक है. लाल केसर का रंग उनकी शक्ति और दया को दर्शाता है. इसे अर्पित करने से भक्तों के क्रोध और कष्ट दूर होते हैं. साथ ही, इसे भक्ति और आध्यात्मिक साधना का हिस्सा माना जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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