Female Naga Sadhu: भारत साधु-संतों का देश है और इनकी एक बिरादरी नग्न रहती है, जिन्हें नागा साधु कहा जाता है. जिस पर पुरुष नागा साधु होते हैं, वैसे ही महिला नागा साधु भी होती हैं. जानिए नागा साधु कैसे बनती हैं, इनका क्या इतिहास है और इनका जीवन कैसा होता है?
भारतीय सनातन धर्म के वर्तमान स्वरूप की नींव आदिगुरू शंकराचार्य ने रखी थी. जब भारत की धन-संपदा के लालच में तमाम आक्रमणकारी भारत आ रहे थे, तब शंकराचार्य ने सनातन धर्म की स्थापना के लिए कई कदम उठाए थे, जिसमें से एक था देश के 4 कोनों पर 4 पीठों का निर्माण करना. तभी उन्होंने अखाड़े बनाए और नागा साधु भी इनके हिस्से बने.
इसके साथ ही मठों-मन्दिरों की सम्पत्ति को लूटने वालों और श्रद्धालुओं को सताने वालों का मुकाबला करने के लिए सशस्त्र शाखाओं के रूप में अखाड़ों की भी स्थापना की. इन्हीं में से कुछ अखाड़ों में नागा साधु भी होते हैं.
इन अखाड़ों में पुरुष नागा साधु की तरह महिला नागा साधु भी होती हैं. महिला नागा साधुओं का जीवन बेहद रहस्यमयी और कठिन होता है. इन्हें कई साल तक कठिन तप करना होता है, ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए मुश्किल जीवन जीना पड़ता है.
सांसारिक जीवन से पूरी तरह रिश्ता तोड़ने के लिए महिला नागा साधु जीते जी अपना पिंडदान तक करती हैं. अपना सिर मुंडवाती हैं. तब जाकर गुरु इन्हें नागा साधु बनने की दीक्षा देते हैं.
महिला नागा साधु सामान्य दुनिया से दूर जंगलों, गुफाओं, पहाड़ों में रहते हैं और भगवान की भक्ति करती हैं. वे केवल कुंभ जैसे खास मौकों पर ही दुनिया के सामने आती हैं.
अब ऐसे में यह प्रश्न आता है कि क्या महिला नागा साधु, पुरुष नागा साधु की तरह नग्न रहती हैं. लेकिन ऐसा नहीं है महिला नागा साधु गेरुए रंग का एक वस्त्र धारण करती हैं. यह बिना सिला हुआ वस्त्र होता है, जिसे वे शरीर पर लपेटकर रखती हैं.
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