Advertisement
trendingPhotos1975877
photoDetails1hindi

Captain MV Pranjal: पत्नी से कहा था ऑपरेशन पर निकल रहा हूं फिर..., इमोशनल कर देगी राजौरी में शहीद कैप्टन प्रांजल की कहानी

Captain M V Pranjal News: मैंगलूर अपने लाल की शहादत पर गर्व कर रहा है. यहां के लोगों की आंखे नम हैं. परिजन हों या साथी या उनके पड़ोसी सभी कैप्टन प्रांजल के साथ बिताए पलों को याद कर रहे हैं. गौरतलब है कि 28 साल की प्रांजल बुधवार को जम्मू-कश्मीर (J&K) के राजौरी जिले में आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में शहीद हो गए थे. प्रांजल की शुरुआती पढ़ाई-लिखाई मंगलुरु के एमआरपीएल कैंपस स्थित DPS स्कूल से हुई. उन्होंने प्री-यूनिवर्सिटी कोर्स मंगलुरु के महेश पीयू कॉलेज से किया फिर राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) में प्रवेश लिया और राष्ट्रीय राइफल्स में कमीशन प्राप्त किया.

1/6

देश के लिए बलिदान देने वालों की सूची में कैप्टेन एमवी प्रांजल का नाम शामिल है. उनकी शहादत की खबर सुनने के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक ऑपरेशन पर निकलने से पहले उन्होंने अपनी पत्नी से बात की थी. उनकी ये कहानी अब लोगों को इमोशनल कर रही है.

2/6

जम्मू-कश्मीर के राजौरी में सेना के पांच जवान शहीद हो गए. आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान सेना के सपूतों ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए आतंकवादियों को ढेर कर दिया.

3/6

प्रांजल की बहादुरी और हौसले की लोग दाद देते थे. मातृभूमि की रक्षा के लिए जरूरत पड़ी तो कैप्टन प्रांजल ने दुश्मनों से सीधे लोहा लिया और अपने सीने पर गोली खाई और देश के लिए शहीद हो गए.

4/6

मैसूर के रहने वाले कैप्टन प्रांजल के पिता ने भावुक होते हुए बताया कि प्रांजल ने ऑपरेशन पर जाने से पहले बेटे ने अपनी पत्नी से बात की थी. वो ही उसकी आखिरी कॉल थी. फोन पर उसने पत्नी से कहा था कि वो ऑपरेशन के लिए जा रहा है और सब ठीक रहा तो गुरुवार को बात कर पाएगा. 

5/6

पत्नी अदिति को पति की शहादत की खबर मिली तो वो भी घर पहुंचीं. अदिति आईआईटी चेन्नई से पीएचडी कर रही हैं. प्रांजल की शादी दो साल पहले हुई थी. कैप्टन के मायूस पिता ने कहा कि गुरुवार का दिन निकल गया, लेकिन प्रांजल नहीं आया, अब उसका शव आने वाला है. 

6/6

शहीद प्रांजल के पिता ने बताया देशभक्ति का जज्बा उसमें पैदायशी था. वो बचपन से ही फौज में जाना चाहता था. उसकी ख्वाहिश पायलट बनने की थी लेकिन उसमें अड़चन आई तो प्रांजल ने थल सेना में शामिल होने में देर नहीं लगाई. जम्मू-कश्मीर के राजौरी में हुई मुठभेड़ में सेना ने एक और कैप्टेन को खो दिया. प्रांजल के साथ आगरा के कैप्टन शुभम गुप्ता ने भी देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया.

ट्रेन्डिंग फोटोज़