धार्मिक ग्रंथों में महामृत्युंजय मंत्र को बहुत ही शक्तिशाली और पवित्र माना गया है. शास्त्रों के अनुसार इसे भगवान शिव का पवित्र मंत्र माना जाता है. ज्योतिष अनुसार इसका जाप कभी भी किया जा सकता है,लेकिन अगर इस मंत्र का जाप सूर्योदय के समय किया जाए, तो इसे बेहद शुभ परिणाम मिलते हैं. मान्यता है कि इससे इसका प्रभाव पूरा दिन बना रहता है. वहीं, सोमवार के दिन इस प्रभावकारी मंत्र का जाप अत्यंत शुभ होता है.
शास्त्रों के अनुसार महामृत्युंजय मंत्र का जाप भगवान शिव को समर्पित है. वहीं, अगर महाशिवरात्रि और हर माह आने वाली मासिक शिवरात्रि के दिन इसका जाप किया जाए, तो ये विशेष रूप से लाभकारी होता है. लेकिन कई बार विशेष परिस्थितियों में इसका जाप करने से तुरंत लाभ मिलता है. जानें इन परिस्थितियों के बारे में.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर आपको कुछ अशुभ होने का अहसास हो रहा है, या फिर आपको अनिष्ट की आशंका हो, तब इस मंत्र का जाप 1, 3, 5 और 7 माला जाप करना चाहिए. इस मंत्र के जाप से जल्द ही अनिष्ट टल जाता है.
अक्सर देखा गया है कि मन में हो रही व्याकुलता और घबराहट आदि को दूर करने के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप किसी रामबाण से कम नहीं है. मान्यता है कि जब भी मन बैचेन हो या फिर तनाव महसूस कर रहा हो, तब इस मंत्र का जाप 5, 7, 11 और 21 बार करने से विशेष लाभ होता है.
वैसे तो व्यक्ति को किसी एक्सीडेंट और दुर्घटना आदि के बारे में पहले से पता नहीं होता, लेकिन अगर कोई एक्सीडेंट हो जाए, तो उस समय महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से लाभ होता है. इसका निरंतर जाप मृत्यु टाल सकता है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार महामृत्युंजय मंत्र का जाप स्वास्थ्य लाभ और रोगों से बचाने में बहुत प्रभावकारी साबित होता है. अगर घर का कोई सदस्य बीमार है तो दवा के साथ-साथ अगर नियमित रूप से इस मंत्र का जाप सुबह-शाम किया जाए, तो लाभ होता है.
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार अगर महामृत्युंजय मंत्र का जाप विधिपूवर्क किया जाए, तो अकाल मृत्यु से रक्षा की जा सकती है. किसी मंदिर में शिवलिंग के सामने या घर में भगवान शिव के चित्र के सामने हर रोज इस मंत्र का जाप 108 बार करने से अकाल मृत्यु टल जाती है. प्रतिदिन इस मंत्र का जाप सभी ग्रह दोषों से मुक्ति दिलाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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