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राम मंदिर ही नहीं, इन खास जगहों के लिए भी मूर्ति बना चुके हैं योगीराज, देखें Photos

Arun Yogiraj Sculptor: राम मंदिर के लिए कर्नाटक के मशहूर शिल्‍पकार अरुण योगीराज की मूर्ति चुनी गई है. जिसके चलते वे अचानक से चर्चा में आ गए हैं. इससे पहले ही अरुण योगीराज देश की कई महत्‍वपूर्ण जगहों और मंदिरों के लिए मूर्तियां बना चुके हैं. यहां तक कि पीएम मोदी ने भी उनसे मिलकर उनके काम की सराहना की है. 

सुभाष वंद्र बोस

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सुभाष वंद्र बोस

इंडिया गेट पर अमर जवान ज्‍योति के पीछे बने भव्‍य छत्र में अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति स्‍थापित है. पीएम मोदी ने इच्‍छा जताई थी कि स्‍वतंत्रता संग्राम में नेताजी के योगदान का सम्‍मान करने के लिए उनकी 125वीं जयंती से पहले यह मूर्ति स्‍थापित की जाए. 

आदि शंकराचार्य

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आदि शंकराचार्य

हिंदुओं की आस्‍था के केंद्र केदारनाथ धाम में स्‍थापिति आदि शंकराचार्य की 12 फीट ऊंची प्रतिमा शिल्‍पकार अरुण योगीराज ने बनाई है. यह मूर्ति करीब 30 टन की है. यह मूर्ति काले ग्रेनाइट पत्‍थर से बनाई गई है. 

बनाई कई अहम मूर्तियां

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बनाई कई अहम मूर्तियां

अरुण योगीराज मैसूर जिले के चुंचनकट्टे के लिए 21 फीट ऊंची हनुमान प्रतिमा, संविधान निर्माता डॉ. बीआर अंबेडकर की 15 फीट ऊंची मूर्ति, मैसूर में स्वामी रामकृष्ण परमहंस की सफेद अमृतशिला प्रतिमा, नंदी की छह फीट ऊंची अखंड मूर्ति, बनशंकरी देवी की छह फीट ऊंची मूर्ति मैसूर के राजा जयचामाराजेंद्र वोडेयार की 14.5 फीट ऊंची सफेद अमृतशिला प्रतिमा समेत कई अन्य प्रतिमाएं बना चुके हैं. 

मूर्तिकारों की पांचवी पीढ़ी

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मूर्तिकारों की पांचवी पीढ़ी

अरुण योगीराज मैसूर के प्रसिद्ध मूर्तिकारों के परिवार की पांचवी पीढ़ी हैं. उनकी बनाई मूर्तियां देश के विभिन्‍न राज्‍यों में स्‍थापित हैं. 

नौकरी छोड़कर बने शिल्‍पकार

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नौकरी छोड़कर बने शिल्‍पकार

वैसे तो शिल्‍पकला अरुण योगीराज के खून में ही है लेकिन उन्‍होंने अपने करियर की शुरुआत नौकरी से की. एमबीए करने के बाद कुछ समय तक उन्‍होंने एमएनसी में काम किया था. 

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