अफ्रीका के सहारा रेगिस्तान में पिछले दो दिनों से लगातार बारिश होने के कारण बाढ़ आ गई है. यह नजारा बहुत ही दुर्लभ है.
दक्षिणपूर्वी मोरक्को के कुछ हिस्सों में मूसलाधार बारिश के बाद गंभीर बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं. यह बारिश वहां के वार्षिक औसत से भी ज्यादा रही.
मोरक्को की मौसम विभाग की जानकारी के अनुसार, राजधानी रबात से 450 किमी दूर टैगौनाइट गांव में 24 घंटे में 100 मिमी से ज्यादा बारिश हुई.
नासा की सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि जगोरा और टाटा के बीच सूखी पड़ी झील इरिकि फिर से भर गई है, जो आधी सदी से सूखी थी.
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि पिछले 50 सालों में पहली बार सहारा रेगिस्तान में इतनी तेज बारिश हुई है. सोशल मीडिया पर रेत के बीच पानी भरने की तस्वीरें वायरल हो रही हैं.
1974 में भी सहारा में 6 साल के सूखे के बाद बारिश हुई थी, जो बाद में बाढ़ का रूप ले चुकी थी.
मोरक्को के मौसम विभाग के अधिकारी हाउसिन यूएबेब के अनुसार, इतने कम समय में इतनी बारिश 30-50 साल बाद देखने को मिली है.
विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना एक अतिरिक्त उष्णकटिबंधीय तूफान का नतीजा है, जो लंबे समय तक क्षेत्र की जलवायु को प्रभावित कर सकता है.
सहारा रेगिस्तान में ग्लोबल वार्मिंग के कारण चरम मौसम की घटनाएं बढ़ रही हैं. भविष्य में और भी तूफानों की संभावना जताई गई है.
सहारा रेगिस्तान का नाम अरबी शब्द 'सहरा' से लिया गया है, जिसका अर्थ है मरुस्थल. यह दुनिया का सबसे बड़ा रेगिस्तान है और 10 देशों में फैला हुआ है.
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