U19 World Cup 2024 Final: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच आज बेनोनी के मैदान पर अंडर-19 वर्ल्ड कप 2024 का फाइनल मैच खेला जाएगा. वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप, वनडे वर्ल्ड कप के बाद पिछले आठ महीनों में यह तीसरा मौका होगा जब खिताबी जंग भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच होगी.
ऑस्ट्रेलिया को हराकर भारत छठी बार अंडर-19 वर्ल्ड कप का खिताब जीतने के लिए जी जान लगा देगा. 4 भारतीय खिलाड़ी ऐसे हैं जो ऑस्ट्रेलिया के लिए अंडर-19 वर्ल्ड कप में सबसे बड़े काल साबित हो सकते हैं.
उदय सहारन इस वर्ल्ड कप में भारतीय टीम की कप्तानी कर रहे हैं. टीम की कप्तानी करने के साथ-साथ उन्होंने अपने निजी प्रदर्शन से भी काफी प्रभावित किया है. उदय सहारन ने बांग्लादेश के खिलाफ इस वर्ल्ड कप के पहले मैच में ही अर्धशतक लगाया था. पहले मैच में उनके और आदर्श सिंह के बीच शतकीय साझेदारी की बदौलत ही भारत ने बंगलदेश के खिलाफ एक सम्मानजनक टोटल खड़ा किया था. पहले मैच में बांग्लादेश को पटखनी देने के बाद भारत ने इस टूर्नामेंट में एक भी बार हार का स्वाद नहीं चखा. उदय सहारन इस टूर्नामेंट में सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं. उदय सहारन ने अब तक 6 पारियों में 64.83 की औसत से 389 रन बनाए हैं. जिसमें सुपर सिक्स के अंतिम मैच में नेपाल के खिलाफ उनका शतक भी शामिल है. इस मैच में सचिन धास के साथ मिलकर सहारन ने चौथे विकेट के लिए 215 रन जोड़े थे. यह युवा वनडे अंतरराष्ट्रीय के इतिहास में चौथे या उससे नीचे के विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी भी थी. इसके अलावा दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सेमीफाइनल में भी उन्होंने 81 रन की पारी खेली थी, जिसके चलते एक असंभव से प्रतीत होने वाली जीत संभव हो पाई थी.
सचिन धास मौजूदा अंडर 19 वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों की सूची में तीसरे नंबर पर जरूर हैं, लेकिन अगर सेमीफाइनल में धास की अर्धशतकीय पारी नहीं होती तो अंडर 19 वर्ल्ड कप इतिहास में नौवीं बार फाइनल खेलने से भारत वंचित भी रह सकता था. वर्ल्ड कप में सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज भले ही भारत के कप्तान हैं, लेकिन सचिन धास के साथ उनकी जोड़ी लगातार दो मैचों से भारत के लिए संकटमोचक की भूमिका निभाते नजर आई है. सुपर सिक्स में नेपाल के खिलाफ सहारन के अलावा धस ने भी शतक लगाया था, जबकि सेमीफाइनल में भी दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वह भारत की ओर से सर्वाधिक रन (96) बनाने वाले बल्लेबाज थे. इन दोनों ही मैचों में धास और सहारन ने मिलकर भारत को संकट से उबारा था. नेपाल के खिलाफ चौथे या उससे नीचे के विकेट के लिए रिकॉर्ड साझेदारी करने के बाद सेमीफाइनल में दोनों ने पांचवें विकेट के लिए 171 रन की साझेदारी की जो कि अंडर 19 वर्ल्ड कप इतिहास में पांचवें विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी भी है. सचिन धास ने इस टूर्नामेंट में 73.50 की औसत से 294 रन बनाए हैं.
इस वर्ल्ड कप में बांग्लादेश के खिलाफ दो विकेट चटकाने के बाद भी मुशीर खान की पहचान अपने बड़े भाई सरफराज खान के नाम से जुड़ी हुई थी. लेकिन आयरलैंड के खिलाफ अगले ही मैच में मुशीर ने शतक जड़कर खुद की अलग पहचान बना ली. मुशीर के शतक की बदौलत भारत ने 200 से अधिक के अंतर से आयरलैंड को पटखनी दी थी. हालांकि मुशीर का सफर यहीं समाप्त नहीं हुआ. मुशीर ने पहले राउंड के अंतिम मैच में 73 रन की पारी खेलकर भारत को सुपर सिक्स में एंट्री दिलाई थी. इसी मैच में अर्शीन कुलकर्णी ने भी शतक जड़ा था और एक बार फिर भारत ने 200 से अधिक रनों के अंतर से जीत दर्ज की. सुपर सिक्स में पहुंचते ही मुशीर के बल्ले से एक और शतक आया और इस मैच में उन्होंने बल्ले के साथ साथ गेंद से भी कमाल दिखाया. न्यूजीलैंड के खिलाफ मुशीर ने 131 रन ठोके जबकि उनके दो बल्लेबाजों को भी पवेलियन का रास्ता दिखाया. तीन पारियों में मुशीर का यह दूसरा शतक था और इस वर्ल्ड कप में भारतीय टीम की 200 रनों से अधिक के अंतर से लगातार तीसरी जीत भी थी. मुशीर ने इस वर्ल्ड कप में अब तक 67.60 की औसत से 338 रन बनाए हैं और वह दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज भी हैं.
यह तो हो गई बल्लेबाजों की बात. भारत के लिए फाइनल का सफर इतना आसान नहीं रह पाता अगर इसमें सौम्य पांडे का प्रदर्शन नहीं होता. सौम्य बांग्लादेश के खिलाफ पहले मैच में ही भारत की जीत के हीरो रहे थे. बाएं हाथ के इस स्पिनर ने पहले मैच में चार विकेट चटकाए थे और उसके साथ ही उन्होंने इस वर्ल्ड कप में अब तक तीन बार चार विकेट लिए हैं. न्यूजीलैंड और नेपाल के खिलाफ चार विकेट निकालने के साथ ही इस वर्ल्ड कप में सौम्य के खाते में कुल 17 विकेट हैं. सौम्य ने अपनी फिरकी के जाल में विपक्षी बल्लेबाजों को फंसाया तो है ही इसके साथ ही वह इस वर्ल्ड कप में भारत की ओर से सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं. वह इस वर्ल्ड कप में तीसरे सर्वाधिक विकेट लेने गेंदबाज हैं. विकेट चटकाने के साथ सौम्य काफी कंजूस भी साबित हुए हैं और इस वर्ल्ड कप में कम से कम दो मैच खेलने वाले गेंदबाजों में उनकी 2.45 की इकोनॉमी सर्वश्रेष्ठ है. हालांकि इस चौकड़ी के अलावा बाएं हाथ के एक अन्य गेंदबाज नमन तिवारी, राज लिंबानी, आदर्श सिंह और अर्शीन कुलकर्णी भी हैं, जिन्होंने जरूरत पड़ने पर भारतीय टीम के लिए योगदान दिया है.
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