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घर की इस दिशा में बनी टॉयलेट नहीं होने देती करियर में तरक्‍की, बीमारियां भी नहीं छोड़तीं पीछा

Toilet Ki Disha: आजकल घरों में बेहद सुंदर और मॉडर्न टॉयलेट-बाथरूम होते हैं. लेकिन टॉयलेट-बाथरूम का सुंदर और साफ होने के साथ-साथ सही दिशा में होना जरूरी है. वरना यह घर की खुशहाली, समृद्धि, सेहत पर बुरा असर पड़ता है. जानिए वास्‍तु शास्‍त्र के अनुसार घर में टॉयलेट से जुड़े जरूरी नियम.  

घर में टॉयलेट की दिशा

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घर में टॉयलेट की दिशा

घर में टॉयलेट का सही दिशा में होना जरूरी है. वरना ना तो करियर में तरक्‍की मिलती है और बच्‍चों को पढ़ाई में अच्‍छे नतीजे मिलते हैं. साथ ही गलत दिशा में बनी टॉयलेट रिश्‍तों, मानसिक सेहत पर नकारात्‍मक असर डालती है. 

दक्षिण दिशा है विसर्जन की दिशा

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दक्षिण दिशा है विसर्जन की दिशा

वास्तुशास्त्र के अनुसार दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम दिशा को विसर्जन के लिए उत्तम माना गया है. यानी कि घर में टॉयलेट दक्षिण दिशा में बनवाना सबसे उत्‍तम होता है. 

टॉयलेट सीट का मुख

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टॉयलेट सीट का मुख

कम से कम इस बात का पालन जरूर करें कि टॉयलेट सीट इस तरह हो कि बैठते समय मुख दक्षिण दिशा की ओर हो. इससे घर में समृद्धि रहती है. नकारात्‍मक ऊर्जा दूर होती है. 

इस दिशा में ना बनवाएं टॉयलेट

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इस दिशा में ना बनवाएं टॉयलेट

कभी भी घर की उत्तर दिशा में टॉयलेट ना बनवाएं. इससे घर के सदस्‍यों को रोजगार में समस्‍या होती है. बार-बार आय में रुकावट आती है. वे कड़ी मेहनत और लाख कोशिशों के बाद भी करियर में आगे नहीं बढ़ पाते हैं. इसी तरह उत्तर-पूर्व दिशा में बना शौचालय परिवार के सदस्यों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर करता है और बीमारियां देता है. 

गंदा ना रखें बाथरूम-टॉयलेट

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गंदा ना रखें बाथरूम-टॉयलेट

टॉयलेट-बाथरूम का संबंध राहु से होता है. लिहाजा शौचालय को गंदा ना रखें. गंदा टॉयलेट राहु को खराब करता है और ऐसे घर में हमेशा कोई ना कोई मुसीबत बनी रहती है. 

 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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