Moscow Concert Hall Attack: रूस की राजधानी मॉस्को में शुक्रवार शाम को एक बड़े कंसर्ट हॉल के अंदर कुछ बंदूकधारियों ने हमला कर दिया. हमस हमले में कम से कम 70 लोगों की मौत हो गई और 115 लोग घायल हुए हैं. इस हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली है. आइए जानते हैं कौन है यह ग्रुप, मॉस्को में क्यों किया हमला?
व्लादिमीर पुतिन अभी लगातार पांचवीं जीत के साथ देश के राष्ट्रपति बने ही थे. कि उनके देश में बहुत भयानक हमला हो गया. अंतरराष्ट्रीय आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट ने सोशल मीडिया पर एक बयान जारी करते हुए इस हमले की जिम्मेदारी ली है.
रूसी जांच समिति के अनुसार हमले में 60 से अधिक लोगों की मौत हुई है, वहीं 100 से अधिक घायल हैं. मरने वालों में बच्चे भी शामिल हैं. रूसी विदेश मंत्री ने इसे एक आतंकी हमला क़रार दिया है. वहीं यूक्रेन ने हमले में हाथ होने से इनकार किया है.
ये हमला मॉस्को के उत्तर पश्चिमी शहर क्रास्नोगोर्स्क में मौजूद क्रॉकस सिटी हॉल रीटेल एंड कॉन्सर्ट कॉम्प्लेक्स में हुआ है. यहां पिकनिक नाम के एक रूसी रॉक ग्रुप के कार्यक्रम का आयोजन होना था. कॉन्सर्ट शुरू होने से ठीक पहले कैमोफ्लॉज कपड़े पहने चार बंदूकधारियों ने यहां आए लोगों पर गोलियां बरसानी शुरू कर दीं.
हमले के दौरान हॉल में छह हज़ार से अधिक लोग मौजूद थे. एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि रॉक ग्रुप स्टेज पर आने ही वाला था कि उससे पहले ये हमला हो गया. इस दौरान इमारत में आग लग गई और इसकी छत का एक हिस्सा भी गिर गया.
न्यूज एजेंसी रायटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, एक अमेरिकी अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया कि अमेरिका के पास मॉस्को के कॉन्सर्ट में हुए हमले की जिम्मेदारी के इस्लामिक स्टेट के दावे की पुष्टि करने वाली खुफिया जानकारी है. यहां इस्लामिक स्टेट की अफगान शाखा है, जिसे आईएसआईएस-के के नाम से जाना जाता है.
इस्लामिक स्टेट खुरासान (ISIS-K), जिसका नाम एक क्षेत्र के पुराने शब्द पर रखा गया है, जिसमें ईरान, तुर्कमेनिस्तान और अफगानिस्तान के कुछ हिस्से शामिल हैं. यह 2014 के अंत में पूर्वी अफगानिस्तान में उभरा, जिसने तेजी से अत्यधिक क्रूरता कर पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा. इस्लामिक स्टेट आतंकवादी समूह के सबसे सक्रिय क्षेत्रीय सहयोगियों में से एक, ISIS-K ने 2018 के आसपास सबसे अधिक आतंक मचाया.
बताया जा रहा है कि ISIS-K की रूस से दुश्मनी अफगानिस्तान से ही है, जब रूस ने अफगानिस्तान में जमकर आतंकियों के खिलाफ सैन्य अभियान चलाया था. जिसके बाद ही यह ग्रुप सबक सिखाने के लिए प्लानिंग कर रहा था. पिछले दिन सीरिया में रूस के सैन्य कदम ने उनकी पुरानी नफरत को हवा दे दिया और आतंकी संगठन ने इस तरह ईसाइयों का कत्ले आम मचाया है.
आईएस-खोरासान ने पहले भी अफगानिस्तान में कई आतंकी हमले किए हैं. 2021 में जब अमेरिका ने अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद अपने सैनिकों को निकालने का फैसला किया, तब काबुल एयरपोर्ट के बाहर दो आत्मघाती हमले हुए थे। इन हमलों में अमेरिकी मरीन कमांडो समेत कम से कम 60 लोगों की मौत हुई थी. पांच अमेरिकी सैनिकों समेत 100 से ज्यादा लोगों के घायल हुए थे.
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