Tears: हर एक शख्स कभी ना कभी किसी उम्र में जरूर रोता है. कुछ गला फाड़ फाड़ कर रोते है तो किसी कि रुलाई सिसकियों में सिमट कर रह जाती है. इन सबके बीच क्या आपने गौर किया है आंखों से निकले आंसू किस चीज से बने होते हैं. आप यह कह सकते हैं कि आंसू सिर्फ और सिर्फ पानी होता है लेकिन बात सिर्फ इतनी सी नहीं है.
आंसू तीन तरह के होते हैं जिनमें बदलाव होता रहता है. यूके प्लाइमाउथ विश्वविद्यालय में शोधकर्ताओं ने खास शोध किया है.
आपने देखा होगा कि कुछ लोग भावनाओं में बहकर रोने लगते हैं. जैसे माहौल खुशी का हो या दुख का हो जिसे Basal Tears और Reflex Tears कहते हैं.
Basal Tears नमकीन होता है जिसमें साल्ट ऑयन की मात्रा अधिक होती है इसके अलावा प्रोटीन और एंटी माइक्रोबियल गुण भी होते हैं.
Reflex Tears में पानी की मात्रा अधिक होती है, इसमें फैट और प्रोटीन की मात्रा कम होती है. इसके अलावा स्ट्रेस की वजह से हार्मोन का स्राव भी अधिक होता है.
ओहरिंग नाम के शोधकर्ता के मुताबिक हर एक शख्स औसतन 1.4 से लेकर 5.76 माइक्रोलीटर आंसू हर दिन बहाते हैं. ये खास तौर पर Basal Tears होते हैं.
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