विश्व बैंक ने पाकिस्तान की बढ़ती ऋण व्यवस्था को लेकर गंभीर चिंता जताई है और चेतावनी दी है कि यह देश की कमजोर होती आर्थिक स्थिति का संकेत है.
आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान को सबसे ज्यादा कर्ज देने वाला देश चीन है. विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान को दिए गए कुल कर्ज में चीन का सबसे बड़ा हिस्सा है. चीन ने पाकिस्तान को लगभग 29 अरब डॉलर का कर्ज दिया है, जो किसी भी अन्य देश से सबसे अधिक है.
सऊदी अरब ने पाकिस्तान को करीब 9.16 अरब डॉलर का कर्ज दिया है और यह इस मामले में दूसरे स्थान पर है. हालांकि, पाकिस्तान के कुल विदेशी ऋण में चीन की हिस्सेदारी में कमी आई है. 2023 में यह हिस्सेदारी 25 प्रतिशत थी, जो अब घटकर 22 प्रतिशत पर आ गई है. दूसरी ओर, सऊदी अरब की हिस्सेदारी 2023 में दो प्रतिशत से बढ़कर 2024 में सात प्रतिशत हो गई है.
विश्व बैंक द्वारा मंगलवार को जारी अंतरराष्ट्रीय ऋण रिपोर्ट 2024 के अनुसार, पाकिस्तान इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से सबसे अधिक कर्ज लेने वाले शीर्ष तीन देशों में शामिल रहा. यह देश अपनी आर्थिक समस्याओं से निपटने के लिए आईएमएफ से भी बड़े पैमाने पर कर्ज ले रहा है.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान का निर्यात और राजस्व के अनुपात में कुल ऋण उसकी कमजोर राजकोषीय स्थिति का संकेत है. रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान का कुल वैश्विक ऋण (आईएमएफ से प्राप्त ऋण सहित) 2023 में 130.85 अरब अमेरिकी डॉलर था, जो इसके कुल निर्यात का 352 प्रतिशत और सकल राष्ट्रीय आय (जीएनआई) का 39 प्रतिशत है. यह दिखाता है कि पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति काफी चुनौतीपूर्ण है.
विश्व बैंक ने पाकिस्तान की बढ़ती ऋण व्यवस्था को लेकर गंभीर चिंता जताई है और चेतावनी दी है कि यह देश की कमजोर होती आर्थिक स्थिति का संकेत है. रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के कुल बाहरी ऋण का लगभग 45 प्रतिशत ($58.88 बिलियन) द्विपक्षीय ऋणदाताओं से है, जबकि 46 प्रतिशत (लगभग $60.2 बिलियन) ऋण बहुपक्षीय ऋणदाताओं से लिया गया है.
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