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Baba Siddique: अपराधियों को क्यों पसंद आती है 9.9 MM पिस्टल.. जिससे बाबा सिद्दीकी का हुआ खून?

Baba Siddique Murder Case: मुंबई में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद 9.9 MM पिस्टल एक बार फिर चर्चा में आ गई है. बाबा सिद्दीकी का मर्डर करने के लिए अपराधियों ने 9.9 MM पिस्टल का ही इस्तेमाल किया था. छह राउंड के फायर में बाबा सिद्दीकी को 2 गोलियां लगीं और उनकी जान चली गई. आइये जानने की कोशिश करते हैं आखिरकार 9.9 MM पिस्टल अपराधियों की फेवरेट क्यों बनती जा रही है..

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1. छोटा आकार

9.9 मिमी पिस्टल छोटी और हल्की होती है. जिससे इन्हें छिपाना आसान होता है. अपराधी इन्हें आसानी से अपने पास रख सकते हैं.

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2. ताकत

इस पिस्टल से निकलने वाली गोलियां प्रभावी होती हैं, यानी ये ज्यादा नुकसान पहुंचा सकती हैं. इससे अपराधी अपने लक्ष्य को आसानी से नुकसान पहुंचा सकते हैं.

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3. सटीक निशाना

9.9 मिमी पिस्टल का निशाना सटीक होता है. जिससे अपराधी दूर से भी ठीक से मार कर सकते हैं. यह उनके लिए फायदेमंद होता है.

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4. आसानी से मिलना

कुछ देशों में ये पिस्टल स्थानीय रूप से बनती हैं, इसलिए इन्हें खरीदना आसान होता है. इससे अपराधी बिना ज्यादा परेशानी के इन्हें हासिल कर सकते हैं.

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5. अलग-अलग अपराधों में इस्तेमाल

यह पिस्टल इतनी छोटी और सुविधाजनक है कि अपराधी इनका इस्तेमाल डकैती, अपहरण, या अन्य अपराधों में आसानी से करते हैं. 9.9 मिमी पिस्टल का आविष्कार 1901 में ऑस्ट्रियाई डिजाइनर जॉर्ज लुगर ने किया था.

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6.भारत में 9.9 मिमी पिस्टल की शुरुआत

भारत में 9.9 मिमी पिस्टल बनाने की शुरुआत 1971 में हुई. 1977 में इसका पहला नमूना तैयार किया गया और 1981 में इक्षापुर राइफल फैक्ट्री में बड़े पैमाने पर इसका उत्पादन शुरू हुआ. उस समय इसे जॉन इंग्लिश एंड कंपनी की मदद से तैयार किया जाता था.

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7. बुलेट प्रूफ ग्लास भी भेद सकती है

इस पिस्टल के बारे में दावा किया जाता है कि यह 50 गज की दूरी तक एकदम सटीक निशाना लगाने में सक्षम है. यह बुलेट प्रूफ ग्लास को भी भेद सकती है. बाबा सिद्दीकी के मामले में उनकी बुलेट प्रूफ कार में गोली घुस गई और विंडस्क्रीन को भी भेद डाला.

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