बिहार: MLC ने सदन में उठाया Corona संक्रमण के नाकामियों का मुद्दा, लाया कार्यस्थगन प्रस्ताव
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बिहार: MLC ने सदन में उठाया Corona संक्रमण के नाकामियों का मुद्दा, लाया कार्यस्थगन प्रस्ताव

Bihar News: कार्यवाही शुरू होते ही राजद एमएलसी सुनील सिंह (MLC Sunil Singh) ने कार्यस्थगन प्रस्ताव लाया. उन्होंने कार्यस्थगन प्रस्ताव लाते हुए कहा कि कोविड 19 की दूसरी लहर में 50 हजार से अधिक लोगों की मौत हुई. 

 

बिहार विधान परिषद में उठा कोरोना संक्रमण का मुद्दा (फाइल फोटो)

Patna: बिहार विधान परिषद की कार्यवाही के दूसरे दिन कोरोना संक्रमण (Coronavirus) में सरकार के नाकामियों से लेकर टीकाकरण पर जोरदार चर्चा हुई. एमएलसी (MLC) द्वारा पूछे गए ज्यादातर सवाल स्वास्थ्य विभाग से जुड़ा रहा. कार्यवाही शुरू होते ही राजद एमएलसी सुनील सिंह (MLC Sunil Singh) ने कार्यस्थगन प्रस्ताव लाया. उन्होंने कार्यस्थगन प्रस्ताव लाते हुए कहा कि कोविड 19 की दूसरी लहर में 50 हजार से अधिक लोगों की मौत हुई. शायद ही ऐसा कोई परिवार होगा जिनके सगे सबंधियों की मौत नहीं हुई. उनके कार्य स्थगन प्रस्ताव का समर्थन राजद एमएलसी रामचंद्र पूर्वे (RJD MLC Ramchandra Purve) ने भी की. हालांकि, कार्यस्थगन बिहार विधान परिषद सभापति अवधेश नारायण सिंह ने खारिज कर दिया.

सदन के अंदर एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा ने एम्बुलेंस की उपलब्धता का सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस एमएलसी ने दो-दो एंबुलेंस खरीदने की अनुशंसा की है. एंबुलेंस की रख रखाव करने की व्यवस्था दे. एम्बुलेंस की रख रखाव करने के लिए राज्य सरकार रूपरेखा तैयार करें. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने आसन को जानकारी देते हुए कहा कि एम्बुलेंस खरीदने और रखरखाव के लिए नियम बने हैं.  एंबुलेंस में सारी व्यवस्था के लिए सरकार को आउट सोर्सिंग की व्यवस्था होती है. कोई सदस्य अपने अपने कोष से एम्बुलेंस खरीदने के लिए अनुशंसा करते हैं उससे पहले डीडीसी से बात करें. स्वास्थ्य समिति से एक बार बात करें. सभी सदस्य सिर्फ एम्बुलेंस खरीद ले तो मेन्टेन्स कैसे होगा. सरकार इस समय 52 सदस्यों के एम्बुलेंस की मेंटेनेंस कर रहें हैं और सदस्यों से लिया जाएगा.

विपक्ष के सवालों पर सत्ताधारी दल के सदस्यों ने साथ दी. सत्ताधारी दल के एमएलसी गुलाम गौस ने भी एम्बुलेंस को लेकर विपक्षी का साथ दिया. स्वास्थ्य मंत्री से कोरोना संक्रमण के तीसरे लहर के आने वाले आशंका को लेकर व्यवस्था करने की बात कहीं. इसके बाद बिहार विधान परिषद की कार्यवाहीं में सत्ताधारी दल के  मएलसी केदार नाथ पांडेय ने विधानमंडल के कई वर्तमान, पूर्व सदस्यों, पदाधिकारी और कर्मचारियों की मौत की क्या आंकड़ा पर सवाल उठाया. उन्होंने कोरोना से मरने वालों के परिजनों को चार लाख रुपए की राशि देने में देरी हो रही है, जैसे सवाल उठाए. इस पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि विधानमंडल सदस्यों, कर्मियों और अफसरों की मौत की सूची फिलहाल नहीं मंगवाकर देंगे.

दूसरा सवाल कोरोना काल मे ऑक्सिन की कमी मौत पर थी. यह सवाल कांग्रेस एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा ने उठाई. सदन की जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय और एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा आमने सामने आ गए. प्रेमचंद मिश्रा ने सदन में दिए गए जवाब को बताया झूठ का पुलिंदा बताया दोनों के बीच बहस के दौरान ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव की चुटकी और कहा कि प्रेम और मंगल में यह कैसा सम्बन्ध. यह संबंध सदन में देखने को मिल रहा है.

सदर का माहौल तब और बदल गया जब एमएलसी संजीव कुमार सिन्हा ने पटना के पारस हास्पिटल में मौत को लेकर सवाल खड़े किए. बिहार विधान परिषद में पार्षद संजीव श्याम सिंह ने शून्यकाल में सवाल उठाया कि आयुष रंजन नामक व्यक्ति की मौत पारस में इलाज की लापरवाही की वजह से हो गई. उन्होंने कहा कि डॉक्टर नीरज सिन्हा ने मरीज को दवा दी थी. इसके बाद मरीज की तबीयत लगातार बिगड़ने लगी. अस्पताल प्रशासन से जब मरीज के परिजनों ने डॉक्टर को बुलाने को कहा तो कहा गया कि डॉक्टर से संपर्क नहीं हो रहा है.

इसके बाद मरीज को सी सी यू में भर्ती कराया गया. 26 जुलाई को मरीज की मौत हो गई. पार्षद ने आरोप लगाया कि पारस अस्पताल लुटेरा अस्पताल है. इसके बाद कई अन्य सदस्य भी पारस अस्पताल के विरोध में उठ खड़े हुए. आखिरकार विधान परिषद सभापति ने कहा कि परिषद की पांच सदस्य जांच समिति इस मामले की जांच करेगी और रिपोर्ट सौंपेगी.

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