चुनावी राज्यों में RSS की मदद से सांप्रदायिक ध्रुवीकरण कर रही है BJP : जयराम रमेश
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चुनावी राज्यों में RSS की मदद से सांप्रदायिक ध्रुवीकरण कर रही है BJP : जयराम रमेश

जयराम रमेश ने कहा कि ‘तानाशाही’ का आधुनिक नाम अमित शाह है और नरेंद्र मोदी चुनाव प्रचार के दौरान ‘‘प्रधानमंत्री की तरह’’ बर्ताव नहीं कर रहे हैं. 

फाइल फोटो

नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पार्टी के रणनीतिकार जयराम रमेश ने कहा है कि भाजपा चुनावी राज्यों में भयावह स्तर पर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण कर रही है और यह कांग्रेस के लिए एक बड़ी चुनौती है. पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश ने पीटीआई-भाषा से खास बातचीत में कहा कि हर एक अमित शाह (भाजपा अध्यक्ष) पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के 10 अमित शाह पर्दे के पीछे रह कर ध्रुवीकरण के काम में लगे हुए हैं. उन्होंने कहा कि ‘तानाशाही’ का आधुनिक नाम अमित शाह है और नरेंद्र मोदी चुनाव प्रचार के दौरान ‘‘प्रधानमंत्री की तरह’’ बर्ताव नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मोदी ‘‘इतिहास को गलत तरीके से पेश करते हैं और अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हैं.’’ 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने यह भी कहा कि मोदी सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम में ‘‘फेक न्यूज’’ सबसे बड़ा उद्योग बन गया है. उन्होंने भाजपा पर गैर-जरूरी मुद्दों को मुद्दा बनाने के आरोप भी लगाए. रमेश ने कहा, ‘‘भाजपा हर चुनाव में बहुत अधिक सांप्रदायिक ध्रुवीकरण कर रही है और यह इन राज्यों में भी किया जा रहा है.’’ उत्तर प्रदेश में भाजपा को मिली ‘प्रचंड’ जीत के लिए भी सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को जिम्मेदार ठहराते हुए रमेश ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश में भाजपा की जीत के लिए मेरे पास एक ही स्पष्टीकरण है कि यह भयावह स्तर का सांप्रदायिक ध्रुवीकरण था जो वे, संयोगवश, इन राज्यों में भी कर रहे हैं. वे छत्तीसगढ़ में यह कर रहे हैं और निश्चित तौर पर मध्य प्रदेश तथा राजस्थान में भी कर रहे हैं.’’ 

साल 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर कांग्रेस की ओर से गठित कोर ग्रुप के सदस्य रमेश (64) ने कहा कि भाजपा देश भर में दो तरह का सांप्रदायिक ध्रुवीकरण कर रही है. उन्होंने कहा, ‘‘एक तो खुलेआम ध्रुवीकरण किया जा रहा है, जो अमित शाह और पीएम नरेंद्र मोदी की भाषा है. इसके बाद, आरएसएस और इसके लोग पर्दे के पीछे रहकर जुबान से और घर-घर जाकर ध्रुवीकरण कर रहे हैं.’’ 

रमेश ने कहा, ‘‘अमित शाह उस व्यक्ति के अच्छे उदाहरण हैं जो कथनी और करनी में खुलकर ध्रुवीकरण की राजनीति करते हैं. हर अमित शाह पर आरएसएस के 10 अमित शाह हैं जो पर्दे के पीछे रहकर ध्रुवीकरण के काम में लगे हुए हैं. उत्तर प्रदेश में यही हुआ.’’ कांग्रेस नेता ने कहा कि विपक्ष खुलेआम किए जा रहे ध्रुवीकरण पर ध्यान देता नहीं लग रहा और पर्दे के पीछे रहकर किए जा रहे ध्रुवीकरण की गंभीरता भी नहीं समझ रहा. यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस ध्रुवीकरण के मुद्दे से निपटने में कामयाब रही है, इस पर रमेश ने कहा, ‘‘यह एक बहुत बड़ी चुनौती है और महज एक चुनावी चुनौती नहीं है.’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘चाहे सत्ता में रहें या सत्ता से बाहर, हमें इस चुनौती का सामना करना होगा.’’ आरएसएस से कांग्रेस की लड़ाई को ‘‘लंबी चलने वाली’’ करार देते हुए रमेश ने कहा, ‘‘यह तुरंत खत्म होने वाली चीज नहीं है. यह लंबी चलने वाली लड़ाई है.’’ उन्होंने कहा कि आरएसएस को आदिवासी इलाकों में पकड़ बनाने में वर्षों, दशकों का वक्त लगा है. यह पूछे जाने पर कि सी पी जोशी जैसे कांग्रेस के नेता विवादित बयान क्यों दे रहे हैं, इस पर रमेश ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस पर काफी सख्ती दिखाई है. 

भाजपा को इन बयानों को मुद्दा बनाने के लिए जिम्मेदार करार देते हुए रमेश ने कहा, ‘‘भाजपा गैर-जरूरी मुद्दों को मुद्दा बनाने, खबरों में हेरफेर करने में माहिर है.’’ यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी हितों को नुकसान पहुंचाने वाले विवादित बयान देकर कांग्रेस के नेता पार्टी प्रमुख को धता बता रहे हैं, इस पर रमेश ने कहा कि वह इसके लिए कांग्रेस नेताओं को जिम्मेदार नहीं करार देंगे क्योंकि भाजपा ने उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया है.

रमेश ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि यह ‘मेक इन इंडिया’, मेक इन बीजेपी है. भाजपा शासनकाल में फेक न्यूज ‘मेक इन इंडिया’ के तहत सबसे बड़ा उद्योग बन गया है. सच तो यह है कि अपने चुनावी अभियानों में मोदी खुद गलत तथ्य पेश करते हैं, गलत इतिहास बताते हैं.’’ पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘वह अपने चुनावी अभियानों में प्रधानमंत्री की तरह नहीं बोलते. आखिरकार प्रधानमंत्री तो प्रधानमंत्री होता है. व्यक्ति चाहे कोई भी हो, पीएम पद का सम्मान किया जाना चाहिए.’’ 

मोदी और शाह पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘‘(लेकिन) पीएम को सम्मान की मांग नहीं करनी चाहिए. उन्हें तो खुद ही आदर मिलना चाहिए. वह जिस तरह इतिहास को तोड़ते-मरोड़ते हैं, जिस तरह गलत तथ्य पेश करते हैं, जिस तरह वह अपने राजनीतिक विरोधियों के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग करते हैं. और देखिए कि अमित शाह एनआरसी पर कैसी बातें करते रहे हैं. लोगों को दीमक कहते हैं.’’ उन्होंने यह भी कहा, ‘‘अमित शाह तानाशाही का नया नाम है.’’ रमेश ने ‘‘संस्थाओं पर कब्जे’’ के लिए भी आरएसएस और भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि यह ‘‘अजीबोगरीब’’ है.

(इनपुट-भाषा)

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