ममता बनर्जी ने बुधवार को बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी से भी मुलाकात की और उनके पैर छूए.
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नई दिल्ली : आसमान में बादल छाए होने के बाद भी दिल्ली का सियासी पारा चढ़ा हुआ है. संसद का मॉनसून सत्र चल रहा है. सत्र के दौरान रोजाना विभिन्न मुद्दों पर खूब हंगामा हो रहा है. संसद के बाहर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी देश की सियासित को अलग ही हवा देने में लगी हुई हैं. इन दिनों वे दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं और आगामी लोकसभा चुनावों के लिए विपक्ष को लामबंद करने की कवायद में जुटी हुई हैं. वे लगातार विभिन्न दलों के नेताओं से मुलाकात कर रही हैं.
इसी क्रम में बुधवार को उन्होंने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की प्रमुख सोनिया गांधी से मुलाकात की. वे 10 जनपथ स्थित सोनिया गांधी से उनके आवास पर मिली थीं. इस मुलाकात के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी मौजूद थे. इस मुलाकात के एजेंडे में नरेंद्र मोदी के खिलाफ बनने वाला महागठबंधन है. ममता बनर्जी चाहती हैं कि नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ एक व्यापक मोर्चा बनाया जाए जिसमें सभी समान विचारधारा वाले दल शामिल हों.
लगभग एक घंटे चली इस मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी ने कहा कि उन्होंने वर्तमान राजनीति पर चर्चा की. साथ ही आने वाले आम चुनावों में साथ मिलकर चुनाव लड़ने पर चर्चा की. इसके अलावा दोनों नेताओं के बीच असम में लागू किए गए नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन यानी एसआरसी को लेकर भी चर्चा हुई.
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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के हित के लिए बीजेपी को सत्ता में आने से रोकना बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा कि बीजेपी देश को बांटने का काम कर रही है.
महागठबंधन के नेतृत्व के सवाल पर उन्होंने कहा कि उनका एकमात्र उद्देश्य कट्टरपंथी ताकतों को रोकना है. महागठबंधन का नेतृत्व कोई भी करे, लेकिन सभी को मिलकर बीजेपी को सत्ता से दूर रखना होगा. हां, उन्होंने यह जरूर कहा कि देश का प्रधानमंत्री बनने की उनकी कोई लालसा नहीं है.
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उन्होंने कहा कि 2019 में बीजेपी के खिलाफ विपक्ष का साझा नेतृत्व होगा और सभी की इच्छा रही तो वे इस महागठबंधन का नेतृत्व भी कर सकती हैं, लेकिन प्रधानमंत्री पद उनकी प्राथमिकता में नहीं है. उन्होंने कहा कि महागठबंधन बनने के लिए प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा करना जरूरी नहीं.
उन्होंने कहा कि वह एनआरसी के मुद्दे पर सभी दलों को एक कर रही हैं. उन्होंने कहा कि असम में जिनके पास पासपोर्ट है, आधार कार्ड है, वोटर कार्ड है, फिर भी उनका नाम एनआरसी में शामिल नहीं है. उन्होंने कहा कि बीजेपी टारगेट करके एक वर्गविशेष को लोगों को निशाना बना रही है. जबकि इस देश में सभी वर्ग, सभी धर्म के लोगों ने आजादी की लड़ाई में अपनी आहुति दी है और देश के विकास में अपना योगदान दिया है.
सोनिया गांधी से मुलाकात से पहले उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात की. लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात के दौरान ममता ने उनके पैर भी छूए. इस मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा कि आडवाणी जी को वह लंबे समय से जानती हैं. उन्होंने कहा कि उन्होंने यशवंत सिन्हा और शत्रुघ्न सिन्हा से मुलाकात कर उनसे आग्रह किया है कि वे नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन की वास्तविकता जांचने के लिए एक टीम को असम भेजें. इनके अलावा उन्होंने कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, अहमद पटेल, समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव और बीजेपी से निलंबित नेता कीर्ति आजाद भी मुलाकात की.