आरसीपी सिंह के स्वागत के बहाने शक्ति प्रदर्शन, भव्य स्वागत की है तैयारी
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आरसीपी सिंह के स्वागत के बहाने शक्ति प्रदर्शन, भव्य स्वागत की है तैयारी

Bihar Politics: जेडीयू के दो दिग्गजों आरपीसी सिंह और राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के बीच जोर आजमाइश पर सीएम नीतीश कुमार ने इन दोनों नेताओं के बीच टकराव की बात को सिरे से नकार दिया है.

RCP सिंह के स्वागात में भव्य तैयारी (फाइल फोटो)

Patna: जेडीयू नेता आरसीपी सिंह (RCP Singh) केंद्र में मंत्री बनने के बाद सोमवार को पहली बार पटना आ रहे हैं. ऐसे में उनके स्वागत की जोरदार तैयारी की गई है. राजधानी में एयरपोर्ट से लेकर प्रमुख चौक-चौराहों पर पोस्टर-बैनर और होर्डिंग की भरमार दिख रही है. स्वागत के बहाने आरसीपी सिंह के समर्थकों का यह शक्ति प्रदर्शन है. जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह (Lalan Singh) के स्वागत से ज्यादा आरसीपी सिंह के स्वागत को भव्य बनाने की कोशिश की जा रही है. आखिर इसके पीछे की वजह क्या है? पूरी वजह जानने के लिए पीछे के घटनाक्रम पर नजर डालना होगा.

मंत्री पद मिला, अध्यक्ष पद हाथ से निकला
पिछले महीने 7 जुलाई को केंद्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ था और जेडीयू से आरसीपी सिंह को जगह दी गई. वह केंद्रीय इस्पात मंत्री बनाए गए हैं. साल 2019 में भी केंद्रीय मंत्री के लिए आरसीपी सिंह का भी नाम सबसे ज्यादा चर्चा में था, लेकिन जेडीयू को सिर्फ एक मंत्री पद मिलने के विरोध में पार्टी नेतृत्व ने मंत्रिमंडल में शामिल ना होने का फैसला लिया था. हालांकि, इस बार भी एक मंत्री पद ही मिला लेकिन आरसीपी सिंह मंत्री बन गए. 

आरसीपी सिंह नौकरशाही के रास्ते राजनीति में आए हैं. वह यूपी कैडर के आईएएस अधिकारी थे. वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा से हैं और उनके स्वजातीय भी हैं. जिन दिनों नीतीश कुमार केंद्रीय रेल मंत्री थे, आरसीपी सिंह उनके विशेष सचिव हुआ करते थे. फिर जब नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने तो आरसीपी सिंह को प्रधान सचिव बनाकर पटना ले आए. 

नीतीश कुमार के बाद आरसीपी सिंह अध्यक्ष बनाए गए थे
राजनीतिक आकांक्षा के चलते स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के बाद आरसीपी सिंह जेडीयू में आ गए. दिसंबर, 2020 में जब नीतीश कुमार राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटे तो उनकी जगह आरसीपी सिंह अध्यक्ष बनाए गए थे. लेकिन केंद्र में मंत्री बनने के बाद 'एक व्यक्ति एक पद' सिद्धांत के चलते उन्हें अध्यक्ष पद छोड़ना पड़ा. 

31 जुलाई को दिल्ली में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में राजीव सिंह सिंह उर्फ ललन सिंह के अध्यक्ष के बनाए जाने के फैसले पर मुहर लगाई गई. राजीव सिंह सिंह उर्फ ललन सिंह और नीतीश कुमार के बीच भी कई दशक पुरानी करीबी रही है.  

ललन सिंह का शक्ति प्रदर्शन
पिछले 6 अगस्त को राजीव सिंह सिंह उर्फ ललन सिंह राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने के बाद पहली बार पटना पहुंचे तो भव्य स्वागत किया गया. रोड शो में गाड़ियों के काफिले के साथ हाथी-ऊंट, बैंड-बाजे बुलाए गए थे. ललन सिंह के समर्थकों ने इस स्वागत को शक्ति प्रदर्शन बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. उस दौरान कई ऐसे पोस्टर लगाए गए थे, जिनमें आरसीपी सिंह की तस्वीर नदारद थी. आरसीपी सिंह के समर्थकों का आरोप था कि ऐसा जानबूझ कर किया गया, ताकि आरसीपी सिंह का कद छोटा दिखाया जा सके.

रथ और बैंड से स्वागत
अब आरसीपी सिंह के समर्थकों की बारी है. उनके पटना आगमन पर शहर को पोस्टर-बैनर से पाटने के साथ कई एसयूवी को रथ की तरह तैयार करवाया गया है. उनके स्वागत में 20 बैंड बुलाए गए हैं, इनमें एक बैंड ऐसा भी होगा, जिसमें 100 से ज्यादा सदस्य हैं.

टकराव की बात से सीएम का इनकार
आरसीपी सिंह और ललन सिंह के बीच जोर आजमाइश साफ तौर पर दिख रही है, लेकिन सीएम नीतीश कुमार इससे इनकार करते रहे हैं. पिछले दिनों पटना में मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा था कि आरसीपी सिंह ने ही ललन सिंह का नाम राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए प्रस्तावित किया था.

(इनपुट- नीरज)

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