Children Relation With Father: कई बार पिता के सख्त रवैये के चलते बच्चे उनसे अपने दिल की बात शेयर नहीं कर पाते हैं. वहीं बड़े होने पर बच्चों को इन बातों का ध्यान रखना चाहिए कि कौन सी बातें पिता से करना चाहिए और कौन सी नहीं. जिससे पिता के स्वाभिमान को ठेस न पहुंचे.
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How Children Should Talk To Father: जब एक आदमी पिता बनता है, तब उसको जिंदगी की बहुत सच्चाइयों के बारे में एहसास होता है. आज फादर्स डे मनाया जा रहा है. ऐसे में बच्चे अपने-अपने पिता को स्पेशल फील कराने के लिए तरह-तरह की चीजें करते हैं, जैसे उन्हें प्यारे मैसेज भेजना, गिफ्ट्स देना, अच्छी सी जिश बनाकर खिलाना, कहीं बाहर घुमाने ले जाना आदि. पिता को भी अपनी संतान से मिली छोटी सी खुशी से भी संतुष्टी मिल जाती है. क्योंकि हर हाल में एक पिता अपने बच्चे को सिर्फ सफल होते देखना चाहता है. ऐसे में जब बच्चे छोटे होते हैं, तब उनका पिता के साथ लगाव और बिहेवियर कुछ अलग होता है.
दरअसल, बच्चे जब बड़े हो जाते हैं, तो वो अपने पिता को बोझ की तरह समझने लगते हैं. साथ ही बच्चों की उम्र बढ़ने पर पिता और उनके विचारों में काफी मतभेद होने लगता है. ऐसे में बच्चे अपने पिता को कुछ ऐसा कह देते हैं, जिससे उनके आत्म सम्मान को ठेस पहुंचती है, लेकिन फिर भी वो कुछ कह नहीं पाते हैं. इसलिए बच्चों को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए जिससे पिता और उनके रिश्ते में दूरियां न पैदा होने पाए....
1. पापा आप कुछ नहीं जानते
अक्सर ऐसा होता है, कि बच्चे बड़े होने के बाद पिता से बातचीत में उन्हें ये कहकर चुप करा देते हैं, कि पापा आप इस बारे में कुछ नहीं जानते हैं. क्योंकि बच्चों को लगता है, कि उनकी राय पिता से बढ़कर है. इससे शायद आके पिता को बुरा लग सकता है. भले ही आप ये बात मजाक में कहते हों, लेकिन इससे पिता का दिल अपमानित फील कर सकता है.
2. काम करना नहीं आता आपको
कई बार बच्चे जल्दबाज में अपने पापा से ये कह बैठते हैं, कि जब इस काम के बारे में आपको नहीं पता तो करते क्यों हैं. ये बात आपके पिता के स्वाभिमान को ठेस पहुंचा सकती है. हालांकि ये बात सच है कि आज के समय में पेरेंट्स और बच्चों के बीच काफी जनरेशन गेप होता है. इस वजह से कई सारी चीजें बदल चुकी हैं. ऐसे में हमेशा ध्यान रखें कि अपने पिता को भूलकर कोई ऐसी बात न बोलें जिससे वो अपना अपमान न भूल पाएं.
3. हमारे लिए आपने क्या किया है
ज्यादातर बच्चे बड़े होने पर अपने पिता को ये बात कह देते हैं, कि आपने हमारे लिए किया ही क्या है? ऐसे में पिता इस बात को सुनकर खुद को असहाय और असफलता का कारण समझने लगता है. इसलिए कभी भी किसी सिचुएशन में पिता को दोषी न ठहराएं. क्योंकि आपको नहीं पता एक अपने बच्चों के लिए किस तरह की कुर्बानी देता है. एक पिता का जीवन सिर्फ परिवार और बच्चों की जरूरतों और ख्वाहिशों को पूरा करने में बीत जाता है.