Parenting Tips For Children: अक्सर छोटे बच्चों को जन्म से ही माता-पिता के साथ सोने की आदत होती है. जिसमें से सबसे ज्यादा बच्चे मां के साथ सोते हैं. यहां जानिए किस उम्र में बच्चों को अपने माता-पिता के साथ सोना बंद कर देना चाहिए.
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Parenting Tips For Children: अक्सर छोटे बच्चों को जन्म से ही माता-पिता के साथ सोने की आदत होती है. जिसमें से सबसे ज्यादा बच्चे मां के साथ सोते हैं. दरअसल, जब बच्चे छोटे होते हैं, तब उन्हें रात में सोते समय अपने माता-पिता की जरूरत महसूस होती है. क्योंकि माता-पिता के छूने मात्र से ही बच्चा सुरक्षित महसूस करने लगता है. ऐसे में अभिभावक भी अपने बच्चों के साथ एक ही बिस्तर पर सोते हैं.
लेकिन जब बच्चे बड़े होने लगते हैं, तो माता-पिता को कुछ बातें ध्यान में रखने की जरूरत होती है. दरअसल, कई सालों तक बच्चे अपने माता पिता के साथ ही सोते हैं. कई बार बच्चे अपने माता पिता के साथ बड़े होने के बाद भी सो जाया करते हैं. लेकिन बच्चे की उम्र बढ़ने के साथ माता पिता को उन्हें अलग सुलाना चाहिए. बच्चों की केयर अपनी जगह अलग है, लेकिन बड़े होने के बाद भी जो बच्चे माता-पिता के साथ सोते हैं, ये उनके लिए नुकसानदायक हो सकता है.
आपको बता दें, अगर आपका बच्चा बड़ा हो गया है, तो बच्चे को अलग बिस्तर या अलग कमरे में सुलाने की आदत डालें. आज हम आपको यहां बताएंगे कि बच्चे को अभिभावक के साथ किस उम्र के बाद नहीं सोना चाहिए.
बच्चे को इस उम्र तक साथ सुलाएं-
अगर नवजात शिशु है, जो उसे माता के साथ ही सुलाना लाजमी है. लेकिन एक उम्र के बाद बच्चे को माता पिता के साथ सोना बंद कर देना चाहिए. इसके पीछे की वजह ये है कि एक अध्ययन में ये साबित हुआ कि तीन से चार साल तक के बच्चे का अभिभावक के साथ सोना सही है. क्योंकि इससे उनके मनोबल को बढ़ावा मिलता है. माता पिता के साथ सोने से बच्चे का आत्मविश्वास बढ़ता है, साथ ही मनोवैज्ञानिक समस्याएं कम होती हैं.
इस उम्र में बच्चों को अलग सुलाएं-
जब आपका बच्चा चार-पांच का हो जाए, तब अभिभावकों को उन्हें अलग सुलाना शुरू कर देना चाहिए. वहीं जब बच्चा लड़की हो, और प्री-प्यूबर्टी अवस्था में हो, तब उसे पिता के साथ नहीं सुलाना चाहिए. यानी जब बच्चे के अंदर शारीरिक बदलाव आने लगे तो उन्हें अलग ही सुलाना चाहिए, इससे बच्चों को भी थोड़ी स्पेस मिलती है.