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नई दिल्ली: मृत्यू और उसके बाद के जीवन को लेकर गरुड़ पुराण में विस्तार से बताया गया है. इसमें व्यक्ति के कर्मों के अनुसार मिलने वाले फल और उसके बाद स्वर्ग-नरक के जीवन के बारे में भी बताया गया है. इस पुराण के मुताबिक यदि मरते समय व्यक्ति के पास कुछ खास चीजें हों तो उसे यमराज का दंड नहीं मिलता और वह उसकी मृत्यु शांति से होती है.
गंगाजल: हिंदू धर्म शास्त्रों में गंगा जल को बहुत शुभ और महत्वपूर्ण बताया गया है. कहते हैं कि गंगाजल पाप धोने के साथ-साथ मोक्ष भी दिलाता है. इसी कामना से गंगा के घाटों पर शवों का अंतिम संस्कार किया जाता है. गरुड़ पुराण के मुताबिक जिस समय व्यक्ति के प्राण निकल रहे हों, उस समय उसके मुंह में गंगाजल डाल देने से उसकी आत्मा को यमलोक में कोई दंड नहीं भोगना पड़ता है. साथ ही उसे अच्छी मुक्ति मिलती है.
तुलसी: तुलसी का पौधा पवित्र और पूजनीय माना गया है. भगवान विष्णु को तुलसी बहुत प्रिय है. मृत्युशैय्या पर लेटे व्यक्ति के मुंह में तुलसी की पत्तियां डाल दी जाएं या उसके सिर के पास तुलसी का पौध रख दिया जाए तो उसे प्राण त्यागने में बहुत आसानी होती है.
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श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ: कर्म और फल से लेकर जीवन के सार तक श्रीमद्भगवद्गीता में जिंदगी-मौत से जुड़ी कई अहम बातें बताई गईं हैं. मान्यताओं के मुताबिक यदि किसी व्यक्ति कि मृत्यु निकट हो तो उसे गीता सुनाने से उसे यमराज के दंड से तो मुक्ति मिलती ही है, उसे मोक्ष भी मिलता है. यदि संभव हो तो मरने वाला व्यक्ति खुद भी कुछ श्लोक पढ़े तो बहुत अच्छा होगा.
ईश्वर का नाम लेना: गरुड़ पुराण के मुताबिक प्राण निकलते समय यदि व्यक्ति मन में केवल प्रभु का नाम ही जपता रहे तो ऐसे व्यक्ति को भी यमराज का दंड नहीं मिलता है. साथ ही उसे प्रभु के चरणों में स्थान मिलता है.
(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)