Adhik Maas 2023: कई साल बाद बन रहा है दुर्लभ संयोग, 13 महीने का होगा साल; सावन के होंगे 8 सोमवार
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Adhik Maas 2023: कई साल बाद बन रहा है दुर्लभ संयोग, 13 महीने का होगा साल; सावन के होंगे 8 सोमवार

Malmas 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार, साल 2023 काफी अहम और दुर्लभ वर्ष साबित होने वाला है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार यह साल 12 की जगह 13 महीने का होगा. इस स्थिति को अधिक मास या मलमास कहा जाता है. 

अधिक मास 2023

Hindu Panchang 2023: हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस बार विक्रम सवंत 2080 का साल होगा. यह साल हिंदू पंचांग या कैलेंडर के हिसाब से काफी अहम बताया जा रहा है, क्योंकि इस साल कुल 13 महीने होंगे. इस स्थिति को अधिक मास, मलमास या पुरुषोत्तम मास कहा जाता है. इसकी वजह से चातुर्मास भी 5 महीने का रहेगा. वहीं, इस बार साल के 4 नहीं, पूरे 8 सोमवार होंगे. इससे पहले यह स्थिति साल 2004 में बनी थी. अब 19 साल बाद यह दुर्लभ स्थिति फिर से बन रही है.

व्रत-त्योहार

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस साल अधिक मास से व्रत-त्योहारों की तिथि में भी परिवर्तन होगा. हिंदू पंचांग की बात करें तो हर तीसरे साल में एक महीना अधिक होता है, जिसे कि मलमास कहा जाता है. एक सौर वर्ष 365 दिन और 6 घंटे का होता  और चंद्र वर्ष 354 दिनों का माना जाता है.

सावन

अक्सर हर साल सावन महीने में 4 या 5 सोमवार पड़ते हैं, लेकिन इस बार सावन के सोमवार के 8 व्रत रखे जाएंगे. हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल सावन कृष्णपक्ष 4 -17 जुलाई तक है और इसके बाद 18 जुलाई से इसे लागू किया जाएगा. वहीं, 16 अगस्त को मलमास की अमावस्या होगी. इस दिन अधिक मास का समापन होगा. इसके बाद सावन का शुक्ल पक्ष शुरू हो जाएगा, जो कि 30 अगस्त को सावन पूर्णिमा के दिन तक रहेगा. ऐसे में इस बार सावन में 8 सोमवार पड़ेंगे.

मलमास

हिंदू पंचांग में सौर वर्ष और चंद्र वर्ष के बीच जो दिनों का अंतर रह जाता है, उसको बराबर करने के लिए हर तीसरे साल में एक चंद्र मास को जोड़ा जाता है. इसे मलमास के नाम से जाना जाता है. आपको पता होगा कि सनातन धर्म में मलमास में किसी भी तरह के धार्मिक और मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं. इस साल मलमास 18 जुलाई 2023 से शुरू हो रहा है.

चातुर्मास

अधिक मास के कारण इस बार मकर संक्रांति से पहले सकट चौथ व्रत आ चुका है. जबकि, यह व्रत हमेशा मकर संक्रांति के बाद ही आता है. वहीं, चातुर्मास जो 4 महीने का होता है, वह इस साल 5 महीने का होगा. बता दें कि इस बार भगवान विष्णु 4 की बजाय 5 महीने योग निद्रा में रहेंगे.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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