अक्षय तृतीया आज, जानें क्यों मनाया जाता है ये पर्व और किस देवी की होती है पूजा
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अक्षय तृतीया आज, जानें क्यों मनाया जाता है ये पर्व और किस देवी की होती है पूजा

ऐसा कहा जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन सौभाग्य और शुभ फल का कभी क्षय नहीं होता. इस दिन जो भी काम किया जाए, उसका फल कई गुना मिलता है. यही वजह है कि माना जाता है कि अगर इस दिन सोना खरीदरकर घर लाया जाए तो उससे घर का भाग्‍य बढ़ता है.

मान्‍यता है कि इस दिन सोना खरीदने से घर पर हमेशा माता लक्ष्‍मी वास करती हैं.

नई दिल्ली: अक्षय तृतीया हिंदुओं का खास पर्व है. कुछ लोग इसे अखा तीज के नाम से भी जानते है. अक्षय तृतीया का पर्व इस साल मंगलवार (7 मई) को मनाया  जाएगा. सनातन धर्म में इस पर्व की बहुत महत्व है. मान्यता है कि इस दिन सोना या सोने से बने आभूषणों को खरीदना शुभ माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन सौभाग्य और शुभ फल का कभी क्षय नहीं होता. इस दिन जो भी काम किया जाए, उसका फल कई गुना मिलता है. यही वजह है कि माना जाता है कि अगर इस दिन सोना खरीदरकर घर लाया जाए तो उससे घर का भाग्‍य बढ़ता है.

शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है पर्व
हिन्दू पंचांग में इस योग को साल का सबसे शुभ और सर्वश्रेष्ठ योग माना गया है, जिसमें शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि में जब सूर्य और चन्द्रमा अपने उच्च प्रभाव में होते हैं और इस समय उनका तेज सर्वोच्च होता है. पौराणिक मान्यताओं में श्रीविष्णु का नर-नारायण, हयग्रीव और परशुरामजी के रूप में अवतरण और महाभारत युद्ध का अंत इसी तिथि को हुआ था. 

धन की देवी की होती है पूजा
इस दिन दीपावली की तरह धन की देवी मां लक्ष्‍मी की पूजा की जाती है. मान्‍यता है कि इस दिन सोना खरीदने से घर पर हमेशा माता लक्ष्‍मी वास करती हैं.

 

इसलिए मनाया जाता है त्योहार
मान्यता है कि इस दिन विष्णु जी के अवतार परशुराम का धरती पर जन्म हुआ था. इसी वजह से अक्षय तृतीया को परशुराम के जन्‍मदिवस के रूप में मनाया जाता है. मान्यताओं के मुताबिक इस दिन गंगा नदी स्वर्ग से धरती पर आईं थीं. अक्षय तृतीया के दिन ही भोजन की देवी अन्‍नपूर्णा का जन्‍मदिन भी माना जाता है.

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