तंगी, निगेटिविटी, तनाव, करियर में रुकावटें...कालसर्प दोष का लक्षण; नागपंचमी पर पाएं मुक्ति
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तंगी, निगेटिविटी, तनाव, करियर में रुकावटें...कालसर्प दोष का लक्षण; नागपंचमी पर पाएं मुक्ति

Kaal Sarp Dosh Puja in Ujjain: कुंडली में काल सर्प दोष हो तो जीवन में मुसीबतें कभी खत्‍म ही नहीं होती हैं. इसलिए काल सर्प दोष निवारण जल्‍द कर लें. इसके लिए नागपंचमी का दिन सर्वश्रेष्‍ठ होता है. 

तंगी, निगेटिविटी, तनाव, करियर में रुकावटें...कालसर्प दोष का लक्षण; नागपंचमी पर पाएं मुक्ति

Kaal Sarp Dosh in Kundli : इस साल 9 अगस्त 2024 को नाग पंचमी का पर्व मनाया जाएगा. यह दिन नाग देवता की पूजा करने और सुख-समृद्धि पाने के लिए तो होता ही है. साथ ही नागपंचमी का दिन काल सर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए विशेष होता है. काल सर्प दोष ज्‍योतिष में सबसे अधिक अशुभ माने गए दोषों में से एक है. कुंडली में काल सर्प योग हो तो जातक बहुत कष्‍ट पाता है. उसे आर्थिक तंगी, शारीरिक-मानसिक समस्‍याएं, तनाव, विवाह में रुकावट, आत्‍महत्‍या के ख्‍याल आने जैसी कई समस्‍याएं झेलनी पड़ती हैं. उसके करियर में बार-बार बाधाएं आती हैं, मेहनत के बाद भी तरक्‍की नहीं मिलती है. ऐसे में काल सर्प दोष का निवारण जल्‍द करा लेना चाहिए. 9 अगस्‍त को नागपंचमी है, जानें काल सर्प दोष से मुक्ति के उपाय. 

कालसर्प दोष क्‍या होता है? 

जब कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते हैं तो काल सर्प दोष बनता है. कालसर्प दोष व्यक्ति को ढेरों समस्‍याएं देता है. व्‍यक्ति को बार-बार सपने में सांप दिखाई देते हैं. वह हर समय अनजाने भय से ग्रस्‍त रहता है. 

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नाग पंचमी पर करें कालसर्प दोष से मुक्ति के उपाय

चांदी के नाग-नागिन का जोड़ा अर्पित करें: नाग पंचमी के दिन चांदी के नाग-नागिन का जोड़े की पूजा करें. उन्‍हें कच्चा दूध, बताशा और फूल अर्पित करें. इससे कालसर्प दोष दूर होता है. शिवलिंग पर चांदी के नाग-नागिन अर्पित करें. 

भगवान शिव की पूजा : नागपंचमी के दिन नाग देवता और भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करें. 

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उज्‍जैन और नासिक में कालसर्प दोष पूजा: नासिक और महाकाल की नगरी उज्‍जैन में कालसर्प दोष की पूजा कराई जाती है. वहां जाकर विधि-विधान से ये पूजा करवाकर कालसर्प दोष से निजात पा सकते हैं. 

नाग की पूजा: नागपंचमी के दिन गोबर से नाग देवता की आकृति बनाएं और फिर उसकी विधि-विधान से पूजा करें. साथ ही नागराज के 12 नामों - अनंत, वासुकी, शेष, पद्म, कंबल, कर्कोटक, अश्वतर, धृतराष्ट्र, शंखपाल, कालिया, तक्षक और पिङ्गल’ का जाप करें.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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