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Diamond Stone: रत्न शास्त्र में कुछ ऐसे रत्नों का जिक्र किया गया है, जिन्हें धारण करने के बाद ग्रहों के अशुभ प्रभावों को कम किया जा सकता है. कुंडली में कमजोर ग्रहों को मजबूती मिलती है. लेकिन रत्न बिना किसी विशेषज्ञ की सलाह के धारण नहीं करने चाहिए. इतना ही नहीं, रत्न हमेशा सही विधि और नियमानुसार ही धारण करने चाहिए. हर रत्न के नियम भी अलग-अलग होते हैं, जिनका पालन जरूरी होता है.
रत्न शास्त्र के अनुसार शुक्र से संबंधित रत्न है हीरा. ये बहुत कीमती होता है. हीरे को अगर सही विधि और सही तरीके से धारण किया जाए, तो शुक्र ग्रह को मजबूत किया जा सकता है. शुक्र का संबंध धन, संपत्ति, ऐशो आराम, सुंदरता और प्रेम आदि से माना गया है. इसलिए जानें हीरा कब, कैसे और किस विधि से धारण करना चाहिए.
कब धारण करें हीरा
हीरे का संबंध शुक्र ग्रह से है. अगर किसी जातक की कुंडली में शुक्र ग्रह कमजोर है, तो उसे हीरा धारण करने की सलाह दी जाती है. शुक्र का संबधित होने के कारण इसे शुक्रवार के दिन पहनने की सलाह दी जाती है. धारण करने से पहले इसका शुद्धिकरण जरूर कर लें.
कैसे धारण करें हीरा
हीरा रत्न सोना या चांदी में जड़वाकर ही धारण किया जाता है. शुक्रवार के दिन गंगाजल, दूध, शहद आदि से हीरे की शुद्धि कर लें. इसके बाद इसे मां लक्ष्मी के चरणों में अर्पित करें. मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करें और कुछ देर बाद इस रत्न को शुक्रवार के दिन धारण कर लें.
किन लोगों को पहनना चाहिए हीरा
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुछ राशि वालों के लिए हीरा भाग्योदय का कारण बनता है. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक मकर, मिथुन, कुंभ, कन्या, वृष और तुला राशि के लोग हीरा धारण कर सकते हैं. कुंडली में शुक्र की स्थिति मजबूत या सकारात्मक होने पर हीरा धारण किया जा सकता है. वहीं, मंगल, गुरु और शुक्र के एक साथ होने पर हीरा धारण करने से बचना चाहिए. रत्न शास्त्र का कहना है कि मूंगे और माणिक के साथ हीरा पहनने से बचना चाहिए. अगर आप हीरा धारण करने की सोच रहे हैं, तो एक बार अपने ग्रहों की स्थिति के बारे में जरूर जांच लें.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)