Pitra Dosh Reason: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में कई ऐसे दोष होते हैं, जो व्यक्ति के जीवन में कई समस्याएं और परेशानियां उत्पन्न करते हैं. कुंडली में दोष कई बार विनाशकारी और काम में बाधा डालने वाले भी होते हैं. इन्हीं में से एक पितृ दोष भी है. शास्त्रों के अनुसार कुंडली में पितृ दोष होने पर व्यक्ति को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है. 


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ऐसी मान्यता है कि व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष पूर्वजों के श्राप के कारण होता है. हर व्यक्ति पर दोष का प्रभाव अलग-अलग होता है. इस दौरान व्यक्ति को कई तरह की संकेत मिलने लगते हैं. जानें इन संकेतों के बारे में और इनसे बचने के उपाय.


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कुंडली में पितृ दोष होने पर मिलते हैं ये संकेत


- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में पितृ दोष हो तो बच्चे बार-बार बीमार होने लगते हैं.


- मान्यता है कि कुंडली में पितृ दोष हो तो बिना कारण गर्भपात हो जाता है. इसके साथ ही गर्भधारण करने में समस्या पैदा होती है.


- कुंडली में पितृ दोष होने से परिवार के सदस्यों के बीच अनावश्यक झगड़े होने लगते हैं.


- बता दें कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में पितृ दोष हो तो करियर और शिक्षा में विकास और उन्नति में बाधाएं आने लगती हैं.


- कुंडली में पितृ दोष हो तो उम्र से पहले ही घर में किसी पुरूष की मृत्यु हो जाती है.


- इसके साथ ही, कुंडली में पितृ दोष हो तो घर में किसी भी मांगलिक काम में बाधा आती है. 


पितृ दोष दूर करने के उपाय


- पितृ दोष के प्रभाव को कम करने के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं. इस उपायों को नियम पूर्वक करने से व्यक्ति को विशेष लाभ होता है. 


- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में पितृ दोष होने पर इसके प्रभाव को कम करने के लिए पितरों का तर्पण करें. इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है.  


- कुंडली में पितृ दोष होने पर अर्ध-कुंभ स्नान के दिन, अन्न, कपड़े, कंबल और अन्य बिस्तर की वस्तुओं का दान करें.


- कुंडली में पितृ दोष होने पर हर अमावस्या को ब्राह्मणों को भोजन कराने से इसका प्रभाव कम होगा.


- कुंडली में पितृ दोष होने पर बरगद के पेड़ में नियमित रूप से जल चढ़ाने से लाभ होता है. 


- व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष होने पर जितना संभव हो सके, बुजुर्गों, गरीबों और जरूरतमंदों की सहायता करें. इससे पितृ दोष का प्रभाव कम होता है.


- पितृ दोष होने पर चींटियों, पक्षियों, सड़क के कुत्तों और गायों को दूध और भोजन कराएं.


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- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पितृ दोष होने पर अश्विनी मास के कृष्ण पक्ष में पूर्वजों की मृत्यु की तिथि पर तिल, पलंग, फूल, कच्चे चावल और गंगा जल या स्वच्छ जल का उपयोग करके पिंड दान, पूजा और तर्पण करें, इससे पूर्वज संतुष्ट होंगे. पूजा के बाद अपने पितरों को शांत करने के लिए ब्राह्मणों को भोजन, वस्त्र, फल और दान करें.


- कुंडली में पितृ दोष होने पर नियमित रूप से उगते सूरज को जल में तिल मिलाकर गायत्री मंत्र का जाप करते हुए अर्घ्य दें. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)